देहरादून। भाजपा के प्रचंड बहुमत में आने और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हारने से केंद्रीय नेतृत्व पशोपेश में हैं। धामी के जीतने पर उनका सीएम बनना तय था, लेकिन अब उनकी हार ने सेंट्रल लीडरशिप को उनके नाम पर मुहर लगाने से रोक दिया है। कई केंद्रीय नेता धामी के पक्ष में हैं, लेकिन पार्लियामेंट्री बोर्ड में सहमति नहीं बन पाई है। पार्लियामेंट्री बोर्ड में चुने हुए विधायकों में से ही सीएम बनाए जाने पर जोर दिया गया।
गुजरात में हुई पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बनने जा रही भाजपा सरकार को लेकर मंथन हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केवल उत्तराखंड में सीएम बनाए जाने को लेकर लंबी चर्चा हुई। सीएम धामी को हारने के बाद दोबारा सीएम बनाने को लेकर प्रस्ताव भी बैठक में आया। इसपर सभी एकमत नहीं थे। हालांकि धामी की अगुवाई में पार्टी चुनाव जीतकर आई है तो उनका नजरांदाज करना कितना सही होगा, इसको लेकर भी मत रखे गए। पार्लियामेंट्री बोर्ड में जीते हुए विधायकों में से चयन को लेकर हुई चर्चा में कई नामों पर विचार हुआ। सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और बिशन सिंह चुफाल के नामों पर विचार हुए, लेकिन सबसे चौंकाने वाला नाम पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी का रहा। ऋतु दूसरी बार चुनाव जीती हैं। वर्तमान में वह महिला प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके अलावा ब्राह्मण होने के साथ जनरल खंडूड़ी की बेटी हैं।
लोकसभा सांसदों में से अजय भट्ट और रमेश पोखरियाल निशंक को लेकर भी चर्चा हुई, लेकिन पार्टी ने दोनों लोकसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव में हुए खराब प्रदर्शन के चलते नाकार दिया। अब केवल विधायकों में से या फिर धामी को दोबारा कुर्सी दिये जाने पर ही अंतिम निर्णय होगा। जल्द ही पार्लियामेंट्री बोर्ड की नई दिल्ली में बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें नाम पर अंतिम मुहर लग जाएगी।