कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच तकरार ने भाजपा की नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। ढैंचा बीज घोटाले को लेकर पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा त्रिवेंद्र की गिरफ्तारी की तैयारी संबंधी कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीते रोज दिए गए बयान पर अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पलटवार किया है। त्रिवेंद्र ने कहा कि हरक सिंह कुछ भी बोलें, कोई फर्क नहीं पड़ता। हरक सिंह रावत की तो आदत है कुछ भी बोलने की। भाजपा के दो दिग्गजों के बीच इस घमासान को उनके रिश्तों में पिछले लगभग एक साल से चली आ रही तल्खी से जोड़कर देखा जा रहा है।
हाल ही में देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ एक कार्यक्रम में पार्टी के अंदर अपने विरोधी गुट के नेताओं की मौजूदगी देखकर सार्वजनिक रूप से भड़क गए थे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत वहीं मौजूद थे। किरकिरी होने पर भाजपा ने इस प्रकरण की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी। इसके बाद कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत व सतपाल महाराज खुलकर विधायक उमेश शर्मा के पक्ष में आ खड़े हुए। दरअसल, ये तीनों ही नेता पहले कांग्रेस में थे और फिर भाजपा में शामिल हुए। महाराज वर्ष 2014 तथा हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा वर्ष 2016 में भाजपा में आए।