अल्मोड़ा: यूक्रेन में फंसी अल्मोड़ा की लिपिका चौहान के परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। पहले बेटी से फोन पर बात हो रही थी, लेकिन अब उसका फोन भी बंद हो गया है। कुशलकक्षेम न मिल पाने के कारण स्वजन आशंकाओं से घिरे हैं। उन्होंने भारत सरकार से बेटी की सकुशल वापसी की गुहार लगाई है। लिपिका के पिता का कहना है कि शुक्रवार सुबह लिपिका से बात हुई थी। तब उसने बताया था कि हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। उसके घर के पास तक रुसी सेना द्वारा की जा रही बमबारी की आवाज सुनाई दे रही थी। उनके पास खाने का समान भी कम हो गया था।
यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही लिपिका चौहान पुत्री मदन सिंह चौहान निवासी खत्याड़ी का संपर्क परिजनों से टूट गया है। उसकी घर वालों से बीते शुक्रवार से बात नहीं हो पाई है। जिससे परिजन खासे परेशान है। लिपिका के पिता मदन सिंह चौहान ने बताया कि वह किस हाल में उन्हें पता नहीं है। लगातार फोन करने की कोशिश कर रहे है लेकिन वह मिल नहीं रहा है। बीते दिनों लिपिका से बात हुई थी। तब उसने बताया कि हालात खराब होते जा रहे हैं। खाने की कमी है। हम कुछ लोग साथ में हैं। मिल बांट कर खाना खा रहे हैं। बमों की आवाज उनके घरों तक सुनाई दे रही है। वह युद्ध क्षेत्र के काफी नजदीक पर हैं।