अगर पेट हो दुरुस्त तो सेहत बने तंदुरुस्त – The Hill News

अगर पेट हो दुरुस्त तो सेहत बने तंदुरुस्त

लीवर अगर शरीर का इंजन होता है, तो पेट भी इंजन वाला काम ही करता है। सोचिए कि जब पेट की सेहत खराब होती है, तो कैसे आपका पूरा शरीर बीमार महसूस करने लगता है। पेट का रिश्ता सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी होता हो। पेट की सेहत ठीक न हो, तो न जाने कितनी बीमारियां घर करती हैं। इसलिए जरूरी है कि इसकी सेहत का खास ख्याल रखा जाए। इसके लिए कुछ सामान्य नियमों को जीवनशैली में शामिल करना बेहद जरूरी हो जाता है।  पेट का ख्याल रखने की सलाह देने की बड़ी वजह ये भी है कि इसकी सेहत का हमारे अन्य कई अंगों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। मतलब, अगर पेट खराब है, तो असर किडनी और लिवर पर भी पड़ सकता है। महिलाओं में पेट की सेहत का असर उनके यूट्रस की सेहत पर भी दिख सकता है। पाचन क्रिया समेत कई अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं।

विशेषज्ञों की मानें, तो इरिटेबल बाउल सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसे पहले असाधारण बीमारी माना जाता था, पर अब हिंदुस्तान में यह आम हो चुकी है। इसमें खाना पचने में बहुत परेशानी होती है। लंबे समय तक कब्ज बने रहना इसकी वजह होता है। कब्ज की वजह से कई तरह की दिक्कत होती है। कब्ज कई सालों से परेशान कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योंकि ऐसा न करने पर फिशर या फिर बवासीर भी हो सकता है। लंबे समय से कब्ज होने पर खाना खाते हुए पेट में दर्द भी हो सकता है। इसका कारण कई दफा संक्रमण या अल्सर भी होते हैं। कभी-कभी अंदरूनी रक्तस्राव तक हो जाता है। ऐसे में तरल पदार्थ का सेवन करने से फायदा होता है।

तनाव से बचना है जरूरी
विशेषज्ञ मानते हैं कि तनाव ज्यादा होने का असर पेट पर भी भरपूर पड़ता है। तनाव की वजह से ही कई लोगों में पहले कब्ज और बाद में पेट का अल्सर तक होते देखा गया है। कुछ लोगों में तो तनाव होने पर कब्ज के साथ पेट दर्द भी होता है। इसके सुधार का एक तरीका यह है कि खाते समय तनाव से दूरी बनाएं। मतलब, खाना खुशी-खुशी खाएं। कई लोग तनाव होने पर बहुत ज्यादा खाने लगते हैं। इससे बचना चाहिए। तनाव होने से पेट में  एसिड ज्यादा बनता है और खाना खाने का मन नहीं करता। खाना पचाने के लिए इन एसिड की जरूरत होती है, लेकिन खाना नहीं मिलता, तो पेट की खाल गलने लगती है और अल्सर की समस्या हो जाती है।

धूम्रपान से भी होता पेट को नुकसान
धूम्रपान सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है इसे आज बताने की शायद जरूरत नहीं है। यह कैंसर का कारण बन सकता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हें पेट से जुड़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। वास्तव में धूम्रपान उस मांसपेशी को कमजोर कर देता है, जो ग्रासनली के अंतिम छोर को संयमित रखती है। इस वजह से पेट का एसिड गलत दिशा में चला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को रिफ्लक्स कहते हैं। रिफ्लक्स होने पर सीने में जलन की समस्या होती है। पेट में अल्सर का खतरा भी बढ़ जाता है।

जीवनशैली सुधारें
– व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें।
– तला-भुना कम खाएं।
– बाजार के खाने से बचें।
– साफ-सफाई रखें।
– बीमारी है, तो शुरू में ही इलाज कराएं।

खाने में किन-किन बातों का रखें ध्यान

– खाना जल्दी-जल्दी न खाएं। खाते वक्त चम्मच कई बार प्लेट पर वापस रख दें, इससे धीरे-धीरे खाने की आदत बनेगी और खाने को चबा कर खाने की भी।

– एक बार में ज्यादा खाना खा लेना सही नहीं रहता। कोशिश करें कि एक बार में काफी ज्यादा खाना न खाएं। एक बार ज्यादा खाने से अच्छा है कि दिनभर में 5-6 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।

– याद से हर समय का खाना जरूर खाएं।
– बिस्तर पर जाने से पहले भारी खाना खाने से बचें। सोने से करीब दो घंटे पहले खाना जरूर खा लें।
– पानी खूब पिएं।

पेट का ख्याल रख कर आप खुद को हमेशा तंदुरुस्त रख सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *