कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव और सरकार के अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने बैकडेट से नियुक्तियां करने के साथ विभागीय रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर आदर्श चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
चुनाव आयोग को सौंपे अभिषेक मनु सिंघवी, हरीश रावत, रणदीप सुरजेवाला, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह, देवेंद्र यादव, प्रणव झा और अमन पंवर के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कांग्रेस ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के व्यापक उल्लंघन का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार को पता है कि आने वाले चुनाव में उत्तराखंड के लोग उसे सत्ता से बेदखल करने वाले हैं। इसलिए सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर पिछली तिथियों से नियुक्तियां, तबादले, पोस्टिंग आदि किए जा रहे हैं। उसने इसके लिए आपराधिक कार्रवाई शुरू कर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एसएस संधु व अन्य अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग उठाई है।
पार्टी ने कहा कि चुनाव आयोग को बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में भाजपा नेताओं की पिछली तिथियों से की गई नियुक्तियों को गैरकानूनी घोषित कर देना चाहिए। यह भी आचार संहिता और अन्य कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। राज्य के कई हिस्सों में शिक्षकों के तबादले भी किए जा रहे हैं। पार्टी ने मंडी समिति और राज्य के अन्य विभागों में कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए इन्हें रद्द करने और नई नियुक्तियों वाले अभ्यर्थियों को प्रभार संभालने से रोकने की भी मांग की।