देहरादून। कैबिनेट मीटिंग के दौरान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए बजट न पास करने पर हंगामा खड़ा कर दिया। शुक्रवार को चल रही बैठक में हरक ने मेज पटका और मंत्रिमंडल से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उनकी नाराजगी थी कि सीएम पुष्कर सिंह धामी कोटद्वार के मेडिकल कालेज के लिए बजट नहीं दे रहे। इसके बाद शुरू हुआ हाईप्रोफाइल ड्रामा। हरक को मनाने के लिए वरिष्ठ नेता दौड़े, लेकिन वह कहीं नहीं मिले। रात के अंधेरे में हरक के बेहद करीबी विधायक उमेश शर्मा काऊ को जगाया गया। उमेश ने हरक को फोन मिलाया, लेकिन नाराज हरक किसी की सुनने वाले नहीं थे। इसके बाद उमेश ने भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को फोन कर सारा वाक्या बताया। बलूनी ने हरक को फोन मिलाया, लंबी बातचीत के बाद हरक मान गए कि फिलहाल इस्तीफा नहीं देंगे। बलूनी के डैमेज कंट्रोल के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी सीन में आए। बलूनी ने हरक की पुष्कर से बात करवाई। उन्हें बताया गया कि मेडिकल कालेज के लिए पांच करोड़ का बजट जारी हो गया है।
किसी तरह मामला निपटा हुआ माना जा रहा था। इस पूरी कसरत में रात निकल गई। सुबह हरक का मामला शांत मान कर सभी भाजपाइयों ने राहत की सांस ली थी कि हरक ने फिर मेडिकल कालेज का सुर छेड़ दिया। उनका कहना है कि पांच करोड़ से तो मेडिकल कालेज की बाउंड्री तक नहीं बनेगी। मेरी लडाई क्षेत्र की जनता के लिए है। अगर सरकार एक मंत्री की सुनवाई नहीं कर सकती तो ऐसी पार्टी में रहने का क्या फायदा। बस हरक का इतना कहना था कि भाजपा नेताओं कि फिर हवा सरक गई। सूत्रों की माने तो इस ड्रामे में कांग्रेस में हरक के जाने की पटकथा भी लिखी जा रही है। हरक एक मजबूत बहाना बना कर भाजपा का दामन छोड़ना चाहते हैं ताकि जनता यह मान ले कि हरक ने उनके लिए कुर्बानी दी है। इस कु्र्बानी से हरक की जीत का रास्ता भी खुलेगा। अब यह देखना है कि हरक कितने दिन तक भाजपा में रहकर ड्रामे को आगे बढ़ाते हैं।