देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून में आयोजित सहकारिता मेला 2025 के दौरान नाबार्ड द्वारा तैयार किए गए राज्य फोकस पेपर 2026-27 का विमोचन किया। यह दस्तावेज राज्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए ऋण क्षमता का व्यापक आकलन पेश किया गया है। नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए राज्य में कुल 65 हजार 916 करोड़ रुपये की ऋण क्षमता का अनुमान लगाया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 20.50 प्रतिशत अधिक है जो राज्य की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों का संकेत देता है।
विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने सभी हितधारकों को प्रेरित किया कि वे इस दस्तावेज को विभिन्न विभागों की योजनाओं में शामिल करें ताकि इसका पूरा लाभ उठाया जा सके। राज्य फोकस पेपर जिला स्तर पर तैयार किए गए पोटेंशियल लिंक्ड क्रेडिट प्लान यानी पीएलपी के आधार पर बनाया गया है। यह दस्तावेज संतुलित कृषि और ग्रामीण विकास के लिए एक रोडमैप की तरह काम करेगा।
इस दस्तावेज में कृषि, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई, बुनियादी ढांचा और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। नाबार्ड ने राज्य सरकार को समावेशी विकास के लिए ऋण योजना और विकासात्मक कार्यों में सहयोग देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। यह पेपर बैंकों और नीति निर्माताओं के लिए वार्षिक ऋण योजना यानी एसीपी को अंतिम रूप देने और सतत विकास की रणनीतियां तैयार करने में एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, राजपुर विधायक खजान दास, देहरादून नगर निगम के महापौर सौरभ थपलियाल, सहकारी समितियों के निबंधक मेहरबान सिंह बिष्ट और नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने इस दस्तावेज को राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए एक मील का पत्थर बताया।