नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए रोजगार विधेयक पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने संसद में खड़े होकर विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक जिसे संक्षिप्त में जी राम जी विधेयक कहा जा रहा है, की कड़ी आलोचना की। राहुल गांधी ने इस विधेयक को सीधे तौर पर एंटी स्टेट और एंटी विलेज यानी राज्य और गांव विरोधी करार दिया है। उनका कहना है कि यह विधेयक असल में यूपीए सरकार के समय लाई गई मनरेगा योजना का ही एक रूप है जिसे अब सरकार बदलने की कोशिश कर रही है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बीती रात एक ही झटके में 20 साल पुरानी और सफल मनरेगा योजना को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अधिकार आधारित और मांग आधारित गारंटी योजना को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। राहुल का कहना है कि सरकार ने इसे बदलकर एक ऐसी राशन योजना बना दिया है जिसका पूरा नियंत्रण अब दिल्ली से होगा। उन्होंने इस कदम को संघीय ढांचे और ग्रामीण भारत के हितों के खिलाफ बताया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी राहुल गांधी ने अपने गुस्से का इजहार किया। उन्होंने लिखा कि वीबी जी आरएएम जी मनरेगा का पुनर्गठन नहीं है बल्कि यह उसे खत्म करने की एक साजिश है। राहुल ने दावा किया कि यूपीए सरकार के दौरान मनरेगा ने लाखों गरीब लोगों को फायदा पहुंचाया था और उन्हें रोजगार के नए अवसर दिए थे। उनका कहना है कि मनरेगा की वजह से ही ग्रामीण इलाकों में शोषण कम हुआ था और संकट के समय होने वाले पलायन में कमी आई थी।
राहुल गांधी ने याद दिलाया कि मनरेगा ने न केवल मजदूरी बढ़ाई थी बल्कि काम करने की स्थितियों को भी बेहतर बनाया था। इसके साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण और पुनरुद्धार भी इसी योजना की देन है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यही वह ताकत है जिसे मौजूदा सरकार तोड़ना चाहती है। राहुल गांधी का मानना है कि नई योजना में ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है और फैसले लेने की ताकत का केंद्रीकरण किया जा रहा है जो लोकतंत्र के लिए सही संकेत नहीं है।