हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास और वहां के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जनजातीय सलाहकार परिषद की 50वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए इन योजनाओं का एलान किया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है। इसी कड़ी में परिवहन क्षेत्र के जरिए आजीविका कमाने वाले जनजातीय युवाओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों के पात्र युवाओं को बस और ट्रैवलर गाड़ियां खरीदने पर राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इतना ही नहीं, इन वाहनों पर चार महीने के लिए रोड टैक्स में भी छूट दी जाएगी। इसका सीधा लाभ उन युवाओं को मिलेगा जो परिवहन क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। इसके अलावा, सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की क्षमता वाली निजी सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भी ब्याज में सब्सिडी दी जाएगी।
बर्फीले इलाकों में विकास कार्यों की रफ्तार न थमे, इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए ताकि मौसम साफ होते ही मार्च और अप्रैल के आसपास निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। पांगी और स्पीति घाटी में बिजली की समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। पांगी के धनवास में 1.2 मेगावाट और स्पीति के रोंग-तोंग में 2 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों को जल्द ही चालू कर दिया जाएगा।
बैठक में कनेक्टिविटी और धार्मिक पर्यटन को लेकर भी अहम चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार शिपकी-ला दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है और इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से उठाया गया है। साथ ही, तिब्बत के साथ व्यापारिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने खुशी जताई कि सरकार के प्रयासों से जनजातीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ है और यहां की प्रति व्यक्ति आय व लिंगानुपात प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले बेहतर है।
भू-अधिकारों और शिक्षा पर भी सरकार का पूरा जोर है। सुक्खू ने बताया कि नौतोड़ मामलों को मंजूरी देना सरकार की प्राथमिकता है और कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी देकर राज्यपाल के पास भेज दिया है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सितंबर 2025 तक 1039 लोगों को जमीन के पट्टे बांटे जा चुके हैं। रामपुर और नूरपुर में ट्राइबल भवन का काम भी प्रगति पर है। पांगी घाटी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल घोषित किया गया है।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने बैठक में बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 638.73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि पिछली सरकार के दौरान जमीन के मुद्दों के कारण पांगी, भरमौर और लाहौल में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का काम अटक गया था, जिसे अब सुलझा लिया गया है। पांगी और लाहौल में निर्माण कार्य चल रहा है और भरमौर के लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि जनजातीय क्षेत्रों के विकास में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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