देहरादून . उत्तराखंड में कानून व्यवस्था से लेकर यातायात और चारधाम यात्रा तक में अहम भूमिका निभाने वाले प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों के लिए राज्य सरकार ने खजाना खोल दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पीआरडी जवानों को कई बड़ी सौगातें दी हैं। देहरादून के ननूरखेड़ा स्थित युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल निदेशालय में आयोजित 76वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब पीआरडी जवानों के लिए एक ‘विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान’ की स्थापना की जाएगी। इससे जवानों को बेहतर और आधुनिक ट्रेनिंग मिल सकेगी।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने जवानों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर एक और बड़ा और मानवीय फैसला सुनाया। उन्होंने घोषणा की कि अब ड्यूटी के दौरान अगर कोई पीआरडी जवान बीमार या घायल होकर अस्पताल में भर्ती होता है, तो उसे ‘ड्यूटी पर’ ही माना जाएगा। उपचार के दौरान उसे अधिकतम छह महीने तक का मानदेय (वेतन) मिलता रहेगा। इससे जवानों और उनके परिवारों को इलाज के दौरान आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा ग्राम अस्थल रायपुर में एक खेल मैदान बनाने का भी ऐलान किया गया।
रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद अपने संबोधन में पुष्कर सिंह धामी ने पीआरडी जवानों को धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यातायात व्यवस्था संभालने से लेकर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत कार्यों तक, पीआरडी के जवान हर मोर्चे पर डटे रहते हैं। विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन कराने में इन जवानों की भूमिका सराहनीय रही है।
मुख्यमंत्री ने पुरानी सरकारों से तुलना करते हुए बताया कि जब राज्य का गठन हुआ था, तब पीआरडी जवानों को मात्र 65 रुपये प्रतिदिन भत्ता मिलता था। वर्तमान सरकार ने इसमें 10 गुना बढ़ोतरी करते हुए इसे 650 रुपये प्रतिदिन कर दिया है। सरकार ने जवानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। अब तक मृत और घायल जवानों के आश्रितों को 70 लाख रुपये से अधिक की सहायता राशि दी जा चुकी है।
मुआवजा राशि में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए धामी ने बताया कि सांप्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने पर परिवार को मिलने वाली राशि 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। अति-संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु होने पर यह राशि 75 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख और सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई है। इसके अलावा 10 साल की सेवा के बाद रिटायर होने वाले जवानों को एकमुश्त सेवा भत्ता भी दिया जा रहा है।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में 7500 से अधिक पीआरडी जवान अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके हितों में ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। कार्यक्रम में दिवंगत जवानों के आश्रितों को सहायता राशि और बच्चों को छात्रवृत्ति के चेक भी बांटे गए। बताया गया कि इसी महीने 149 पंजीकृत आश्रितों को विभागीय अर्द्धसैनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे भविष्य में पीआरडी सेवा में और मजबूती से योगदान दे सकें। इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ और विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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