Uttarakhand: हरिद्वार से अठासी और देहरादून से छत्तीस ट्रेनों का संचालन रेल मंत्री ने संसद में दी जानकारी – The Hill News

Uttarakhand: हरिद्वार से अठासी और देहरादून से छत्तीस ट्रेनों का संचालन रेल मंत्री ने संसद में दी जानकारी

नई दिल्ली/देहरादून

देश की संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को उत्तराखंड की रेल कनेक्टिविटी और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का मुद्दा अहम रहा। लोकसभा में हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य में संचालित हो रही रेल सेवाओं का पूरा ब्योरा पेश किया। रेल मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि धर्मनगरी हरिद्वार और राज्य की राजधानी देहरादून देश के प्रमुख शहरों से रेल नेटवर्क के जरिए मजबूती से जुड़े हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में हरिद्वार स्टेशन से कुल 88 रेलगाड़ियों का संचालन हो रहा है जबकि देहरादून स्टेशन से 36 ट्रेनें संचालित की जा रही हैं।

सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध रेल सेवाओं के संबंध में अतारांकित प्रश्न पूछा था। इसके जवाब में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे का नेटवर्क राज्यों की सीमाओं से परे फैला हुआ है और जरूरत के हिसाब से ट्रेनों का संचालन किया जाता है। उन्होंने विशेष रूप से जिक्र किया कि देहरादून और हरिद्वार की कनेक्टिविटी देश के अन्य प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों से काफी बेहतर है। ये दोनों शहर वाराणसी, गया, पुरी, पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों से कई ट्रेन पेयर्स (जोड़ी गाड़ियों) के माध्यम से सीधे जुड़े हुए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो वाराणसी के लिए 3 जोड़ी, गया के लिए 1 जोड़ी, पुरी के लिए 1 जोड़ी, पटना के लिए 2 जोड़ी और कोलकाता के लिए 3 जोड़ी ट्रेनें संचालित हो रही हैं।

रेल मंत्री द्वारा दी गई सूची के अनुसार हरिद्वार स्टेशन से गुजरने वाली या वहां से चलने वाली 88 ट्रेनों में कई प्रीमियम और महत्वपूर्ण गाड़ियां शामिल हैं। इनमें आनंद विहार-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस, लखनऊ-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस, नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस और अमृतसर व काठगोदाम जाने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस प्रमुख हैं। इसके अलावा मुंबई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस), हावड़ा, कोटा, वलसाड, बीकानेर, श्री गंगानगर, ओखा, उदयपुर और बांद्रा टर्मिनस जैसे दूरस्थ शहरों के लिए भी सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।

वहीं देहरादून स्टेशन से संचालित होने वाली 36 सेवाओं में भी वंदे भारत और शताब्दी जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों के साथ-साथ हावड़ा जाने वाली उपासना और कुंभ एक्सप्रेस, कोटा जाने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस और दिल्ली जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस जैसी लोकप्रिय गाड़ियां शामिल हैं। यह कनेक्टिविटी न केवल पर्यटन के लिहाज से बल्कि स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अपने जवाब में अश्विनी वैष्णव ने त्योहारों और विशेष अवसरों पर चलने वाली ट्रेनों की नीति भी स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि नियमित सेवाओं के अलावा भारतीय रेलवे त्योहारों, छुट्टियों और धार्मिक आयोजनों (जैसे कुंभ या कांवड़ यात्रा) के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन करता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी रूट पर नई ट्रेन शुरू करना कई तकनीकी पहलुओं पर निर्भर करता है। इसमें ट्रैक की क्षमता, रोलिंग स्टॉक (डिब्बों और इंजन) की उपलब्धता और रखरखाव की जरूरतें शामिल हैं। रेलवे इन सभी कारकों का आकलन करने के बाद ही नई ट्रेन चलाने का फैसला लेता है।

 

Pls read:Uttarakhand: उत्तराखंड में सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हुआ आसान मुख्यमंत्री धामी ने लांच किया मेरी योजना पोर्टल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *