Uttarakhand: रानीखेत के पटोड़ी गांव में मवेशी चराने गए व्यक्ति पर गुलदार का जानलेवा हमला – The Hill News

Uttarakhand: रानीखेत के पटोड़ी गांव में मवेशी चराने गए व्यक्ति पर गुलदार का जानलेवा हमला

रानीखेत/गरमपानी
पहाड़ों में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रानीखेत और उसके आसपास के इलाकों में गुलदार का आतंक लगातार बना हुआ है। इसी कड़ी में गुरुवार की सुबह ताड़ीखेत ब्लॉक से सटे पटोड़ी गांव (बेतालघाट) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां मवेशियों को चराने निकले एक ग्रामीण पर घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गया है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद अन्य लोगों की सतर्कता से उसकी जान बच गई।

घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, पटोड़ी गांव के निवासी नवीन चंद्र गुरुवार सुबह अपनी दिनचर्या के मुताबिक गोशाला से मवेशियों को लेकर जंगल की तरफ चराने जा रहे थे। उन्हें इस बात का जरा भी आभास नहीं था कि घर के पास ही खतरा मंडरा रहा है। घर से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में एक गुलदार पहले से ही घात लगाए बैठा था। आशंका जताई जा रही है कि गुलदार असल में मवेशियों का शिकार करने की फिराक में था, लेकिन जैसे ही नवीन चंद्र वहां पहुंचे, गुलदार उन पर झपट पड़ा।

गुलदार ने अपने नुकीले पंजों से नवीन पर ताबड़तोड़ वार किए, जिससे उनके सिर, कंधे और बांह पर गहरे जख्म हो गए। हमले के वक्त वहां आसपास कुछ महिलाएं भी मौजूद थीं। जैसे ही उन्होंने गुलदार को नवीन पर हमला करते देखा, उन्होंने जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। महिलाओं की चीख-पुकार सुनकर गांव के अन्य लोग भी लाठी-डंडे लेकर मौके की ओर दौड़े। ग्रामीणों की भीड़ और शोरगुल देखकर गुलदार घबरा गया और जंगल की ओर भाग खड़ा हुआ। इस तरह ग्रामीणों की तत्परता से नवीन चंद्र की जान बच सकी।

खून से लथपथ नवीन को परिजन और ग्रामीण तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बेतालघाट लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर उनका प्राथमिक उपचार शुरू किया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी हरकत में आ गई। वन क्षेत्राधिकारी तापस मिश्रा के नेतृत्व में रानीखेत और बिल्लेख अनुभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। वन क्षेत्राधिकारी के अनुसार, घायल की स्थिति को देखते हुए विभागीय टीम उन्हें बेहतर इलाज के लिए हल्द्वानी ले जाने की तैयारी कर रही है।

वन विभाग ने पीड़ित को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि विभागीय स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है ताकि घायल को नियमानुसार आर्थिक सहायता मिल सके। वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में वन कर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है। वन विभाग ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए सलाह दी है कि वे इस सीजन में विशेष सतर्कता बरतें। अंधेरे में या सुबह-शाम अकेले घर से बाहर न निकलें और जब भी जरूरी हो, समूह में ही आवाजाही करें।

इस घटना के बाद से पूरे पटोड़ी गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। पूर्व ग्राम प्रधान कैलाश पंत और अन्य ग्रामीणों ने वन विभाग से कड़े कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि गुलदार के खुलेआम घूमने से बच्चों और बुजुर्गों की जान को खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव में जल्द से जल्द पिंजरा लगाया जाए ताकि गुलदार को कैद कर इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

 

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