Uttarakhand: सरकारी जमीनों के सही इस्तेमाल के लिए बनेगा हॉलिस्टिक प्लान बेकार पड़ी भूमि दूसरे विभागों को मिलेगी – The Hill News

Uttarakhand: सरकारी जमीनों के सही इस्तेमाल के लिए बनेगा हॉलिस्टिक प्लान बेकार पड़ी भूमि दूसरे विभागों को मिलेगी

देहरादून
उत्तराखंड में सरकारी जमीनों के बेहतर और अधिकतम उपयोग को लेकर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को सचिवालय में आयोजित भूमि के इष्टतम उपयोग के लिए गठित अनुशंसा समिति की बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में उपलब्ध सभी लैंड पार्सल का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जमीनों को खाली छोड़ने या उनके कम उपयोग की बजाय वहां जनहित और विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाने चाहिए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने प्रोजेक्ट शुरू करने की प्रक्रिया में बदलाव के संकेत दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी लैंड पार्सल में कोई भी परियोजना शुरू करने से पहले उसकी उपयोगिता की गहन जांच होनी चाहिए। इसके लिए जिलाधकारी के अंतर्गत बनी ‘साइट सिलेक्शन कमेटी’ (स्थल चयन समिति) की भूमिका अहम होगी। मुख्य सचिव का कहना था कि यह समिति देखेगी कि जिस जमीन पर जो प्रोजेक्ट लाया जा रहा है, क्या वह उस स्थान की भौगोलिक और व्यावहारिक स्थिति के अनुरूप है या नहीं। लैंड पार्सल की लोकेशन के हिसाब से ही वहां सर्वोत्तम उपयुक्त प्रोजेक्ट शुरू किए जाएं, ताकि संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सके।

बड़े भू-भागों (लैंड पार्सल) के विकास को लेकर भी बैठक में विशेष चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जगहों पर बड़े लैंड पार्सल उपलब्ध हैं, वहां एक ही तरह के प्रोजेक्ट तक सीमित रहने की जरूरत नहीं है। ऐसी जगहों पर विभिन्न प्रकार के उपयुक्त प्रोजेक्ट्स एक साथ शुरू किए जा सकते हैं। इसके लिए अधिकारियों को एक ‘हॉलिस्टिक प्लान’ (समग्र योजना) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि एक ही जगह पर कई तरह की विकासात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।

बैठक के दौरान समिति ने विभिन्न लैंड पार्सल के लिए पूर्व में लिए गए निर्णयों और उन पर अब तक हुई कार्रवाई की अद्यतन स्थिति की समीक्षा भी की। इस दौरान एक महत्वपूर्ण मुद्दा विभागों के पास बेकार पड़ी जमीनों का भी उठा। मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विभागों के अधीन बहुत से ऐसे लैंड पार्सल हैं जिनका या तो बिल्कुल प्रयोग नहीं हो रहा है या फिर बहुत कम उपयोग हो रहा है। उन्होंने एक व्यावहारिक समाधान देते हुए कहा कि अगर वह जमीन किसी एक विभाग के काम नहीं आ रही, लेकिन किसी अन्य विभाग की परियोजना के लिए अत्यधिक उपयुक्त है, तो उसे दूसरे विभाग को हस्तांतरित किया जा सकता है। इसके लिए भी विभागों को समग्र योजना तैयार करने पर जोर दिया गया।

इस महत्वपूर्ण बैठक में शासन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव दिलीप जावलकर, रंजीत कुमार सिन्हा, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, आर. राजेश कुमार, युगल किशोर पंत और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा शामिल थे। इसके अलावा हरिद्वार और टिहरी के जिलाधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे और अपने जिलों की स्थिति से अवगत कराया।

 

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