अमृतसर. पंजाब में एक बार फिर किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने राज्यव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन की घोषणा की है। यह प्रदर्शन 5 दिसंबर 2025 को किया जाएगा। संगठन का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार उनकी अनदेखी कर रही हैं, जिसके चलते उन्हें मजबूरन पटरियों पर उतरना पड़ रहा है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक 2025 और अन्य ज्वलंत मुद्दों के खिलाफ विरोध दर्ज कराना है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह आंदोलन फिलहाल प्रतीकात्मक होगा। 5 दिसंबर को दोपहर 1 बजे से लेकर 3 बजे तक, यानी कुल दो घंटे के लिए किसान रेलवे ट्रैकों पर बैठेंगे और ट्रेनों की आवाजाही को पूरी तरह ठप कर देंगे। पंधेर का कहना है कि यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन सोई हुई सरकारों को जगाने के लिए है। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि अगर इस सांकेतिक प्रदर्शन के बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा और संघर्ष का दायरा बढ़ाया जाएगा।
किसानों के गुस्से की मुख्य वजह बिजली संशोधन विधेयक 2025 है। किसान संगठनों का आरोप है कि इस विधेयक का प्रस्तावित स्वरूप पूरी तरह से ग्रामीण भारत और किसानों के हितों के खिलाफ है। उनका मानना है कि सरकार बिजली क्षेत्र का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। किसानों को डर है कि इस बिल के लागू होने से ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए बिजली की कीमतें आसमान छूने लगेंगी। इसके अलावा, प्रीपेड मीटर और स्मार्ट मीटर लगाने के प्रावधानों का भी तीखा विरोध किया जा रहा है।
मोर्चा के नेताओं ने मांग की है कि पुराने बिजली मीटरों को ही बहाल रखा जाए और स्मार्ट या प्रीपेड मीटर लगाने की योजना को तुरंत रद्द किया जाए। इसके साथ ही, सार्वजनिक संपत्तियों और सरकारी जमीनों को कथित तौर पर जबरन बेचने के प्रयासों का भी संगठन ने विरोध किया है। किसानों का कहना है कि खेती को बचाने और सार्वजनिक सुविधाओं की सुरक्षा के लिए वे पीछे नहीं हटेंगे।
इन 19 जगहों पर रहेगा चक्काजाम का असर
इस ‘रेल रोको’ आंदोलन का असर पंजाब के लगभग सभी प्रमुख रेल मार्गों पर देखने को मिलेगा। संगठन ने 19 स्थानों की सूची जारी की है जहां किसान पटरियों पर डटे रहेंगे:
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अमृतसर: देविदासपुरा और मजीठा (दिल्ली-अमृतसर मुख्य लाइन प्रभावित होगी)।
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गुरदासपुर: बटाला, गुरदासपुर और डेरा बाबा नानक स्टेशन।
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जालंधर: जालंधर कैंट स्टेशन पर प्रदर्शन होगा।
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लुधियाना: सहनेवाल रेलवे स्टेशन।
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पठानकोट: परमानंद फाटक के पास।
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पटियाला: शंभु बॉर्डर और बाड़ा (नाभा)।
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फिरोजपुर: बस्ती टैंकां वाली, मल्लांवाला और तलवंडी भाई।
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तरनतारन: मुख्य रेलवे स्टेशन।
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बठिंडा: रामपुरा रेलवे स्टेशन।
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होशियारपुर: टांडा और पुराना भंगाला स्टेशन।
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कपूरथला: डडविंडी (सुल्तानपुर लोधी)।
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संगरूर: सुनाम-शहीद उधम सिंह वाला।
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फाजिल्का: मुख्य रेलवे स्टेशन।
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मोगा: मुख्य रेलवे स्टेशन।
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मुक्तसर: मलौट और मुक्तसर दोनों जगह।
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मानसा: मुख्य रेलवे स्टेशन।
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मालेरकोटला: अहमदगढ़।
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फरीदकोट: मुख्य रेलवे स्टेशन।
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रोपड़: मुख्य रेलवे स्टेशन।
दोपहर के वक्त होने वाले इस प्रदर्शन से रेल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कई प्रमुख ट्रेनें इसी समय अवधि के दौरान इन रूटों से गुजरती हैं।