नई दिल्ली/देहरादून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए उत्तराखंड के पर्यटन को एक नई पहचान और वैश्विक मंच दिया है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने करीब ढाई मिनट का समय विशेष रूप से देवभूमि उत्तराखंड को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने राज्य में शीतकालीन पर्यटन यानी विंटर टूरिज्म, साहसिक खेलों और वेडिंग डेस्टिनेशन की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे सर्दियों के इस मौसम में हिमालय की खूबसूरत वादियों का अनुभव जरूर लें। प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने राज्य के पर्यटन उद्योग में एक नया उत्साह भर दिया है।
अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन दिनों उत्तराखंड का विंटर टूरिज्म पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से औली, मुनस्यारी, दयारा और चोपता जैसी जगहों का जिक्र किया जो अब सर्दियों में बेहद लोकप्रिय हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिथौरागढ़ में साढ़े 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में कुछ सप्ताह पहले ही राज्य की पहली ‘हाई ऑल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन’ का सफल आयोजन किया गया। इस कठिन मैराथन में देश के 18 राज्यों से आए 750 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया। कड़कड़ाती ठंड में सुबह पांच बजे शुरू हुई 60 किलोमीटर लंबी इस दौड़ में प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता था। मोदी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि जहां तीन साल पहले तक आदि कैलाश की यात्रा पर साल भर में महज दो हजार लोग आते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 30 हजार तक पहुंच गई है जो एक बड़ा बदलाव है।
उत्तराखंड की बदलती तस्वीर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य अब केवल तीर्थाटन ही नहीं बल्कि साहसिक खेलों का केंद्र भी बन रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि कुछ ही हफ्तों में उत्तराखंड ‘विंटर गेम्स’ की मेजबानी करने जा रहा है जिसे लेकर खिलाड़ियों और रोमांच प्रेमियों में भारी उत्साह है। मोदी ने राज्य में बढ़ रही सुविधाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष फोकस किया गया है। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नई ‘होम स्टे पॉलिसी’ का भी उन्होंने उल्लेख किया जो पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति से रूबरू होने का मौका देगी।
डेस्टिनेशन वेडिंग के बढ़ते चलन पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को इसके लिए सबसे उपयुक्त जगह बताया। उन्होंने कहा कि सर्दियों की गुनगुनी धूप और पहाड़ों से उतरते कोहरे के बीच शादियां यादगार बन जाती हैं। विशेषकर गंगा किनारे होने वाली डेस्टिनेशन वेडिंग अब काफी पसंद की जा रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर वे सर्दियों में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो हिमालय की वादियों को अपनी सूची में जरूर शामिल करें क्योंकि यहां के अनुभव जीवन भर साथ रहेंगे।
प्रधानमंत्री के इस संबोधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आभार व्यक्त किया है। धामी ने कहा कि नरेंद्र मोदी उत्तराखंड पर्यटन के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री केदारनाथ, बद्रीनाथ, आदि कैलाश या जागेश्वर धाम आते हैं तो वहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। पिछले साल प्रधानमंत्री ने उत्तरकाशी के मुखबा गांव से शीतकालीन पर्यटन का शुभारंभ किया था जिसके बाद पूरी हर्षिल घाटी में पर्यटन गतिविधियों में तेजी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्दों ने राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर अपनी मुहर लगा दी है।