Himachal: प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से पांच जिलों में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट – The Hill News

Himachal: प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से पांच जिलों में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट

शिमला. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है। राजधानी शिमला समेत राज्य के कई इलाकों में सोमवार सुबह से ही हल्के बादल देखने को मिले जिससे फिजाओं में ठंडक घुल गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने ताजा पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया है कि इस समय प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल रहा है। हालांकि अभी इसका प्रभाव थोड़ा कम है लेकिन आने वाले दिनों में इसके जोर पकड़ने की संभावना है।

सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड जनजातीय क्षेत्रों में पड़ रही है। लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान लुढ़ककर माइनस 5.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे वहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके अलावा मैदानी और निचले पहाड़ी इलाकों में कोहरे ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बिलासपुर जिले में घने कोहरे की चादर ऐसी बिछी कि वहां दृश्यता यानी विजिबिलिटी घटकर महज 200 मीटर रह गई। इस वजह से वाहन चालकों को सड़कों पर गाड़ी चलाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने स्थिति को देखते हुए बिलासपुर और मंडी जिले में अगले दो दिनों के लिए घने कोहरे का ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार आगामी 4 और 5 दिसंबर को एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। इसका असर प्रदेश के पांच प्रमुख जिलों में देखने को मिलेगा। पूर्वानुमान है कि चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का हिमपात हो सकता है। इसके अलावा 5 दिसंबर को मौसम का मिजाज ज्यादा बिगड़ने के आसार हैं। इस दिन शिमला के ऊपरी इलाकों में भी हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई है। हालांकि राहत की बात यह है कि 5 दिसंबर के बाद मौसम के साफ होने का अनुमान है।

बीता नवंबर का महीना हिमाचल प्रदेश के लिए काफी निराशाजनक रहा। लोग बारिश की एक-एक बूंद के लिए तरसते रहे लेकिन बादल नहीं बरसे। आंकड़ों पर गौर करें तो पूरा महीना लगभग सूखा ही बीत गया। किन्नौर में पूरे महीने में केवल 2.7 मिलीमीटर और लाहौल स्पीति में मात्र 1.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि बाकी स्थानों पर बारिश न के बराबर हुई। सूखे के इस दौर ने किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ा दी है।

मौसम में आए इस बदलाव का एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि बादलों के कारण रात के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। बीते चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश में न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई है। बादलों की परत की वजह से धरती की गर्मी ऊपर नहीं जा पाती, जिससे न्यूनतम तापमान बढ़ जाता है। मनाली में न्यूनतम तापमान में 4.4 डिग्री, कुल्लू के बजौरा में 3.7 डिग्री, नारकंडा में 3 डिग्री, हमीरपुर में 2.3 डिग्री और कांगड़ा में 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी गई है। फिर भी दिन के समय धूप न निकलने और सर्द हवाओं के कारण ठंड का अहसास लगातार बना हुआ है।

 

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