देहरादून। उत्तराखंड के राजभवन में गुरुवार को एक खास साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जीवन संघर्ष और उनके व्यक्तित्व पर केंद्रित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने युवा लेखिका संभावना पंत द्वारा संकलित पुस्तक ‘पुष्कर धामी: हिमालय की जीवंत ऊष्मा’ और इसके अंग्रेजी संस्करण ‘Pushkar Dhami: The Vibrant Heat of the Himalayas’ का औपचारिक विमोचन किया। प्रभात प्रकाशन और रूपा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित ये पुस्तकें मुख्यमंत्री के बाल्यकाल से लेकर राज्य के मुख्य सेवक बनने तक के सफर को बयां करती हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने लेखिका संभावना पंत के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने नाम के अनुरूप संभावनाओं को साकार किया है। राज्यपाल ने पुस्तक के सार पर चर्चा करते हुए कहा कि यह किताब बताती है कि कैसे पहाड़ के कठिन संघर्षों के बीच एक बालक का व्यक्तित्व गढ़ा गया। उन्होंने कहा कि दादा खेम सिंह के आदर्शों, माता की विनम्रता और एक सैनिक पिता के कठोर अनुशासन व कर्तव्यपरायणता की भट्ठी में तपकर ही ‘पुष्कर’ जैसा व्यक्तित्व तैयार हुआ है। राज्यपाल ने धामी को एक ‘फ्रंटलाइन लीडर’ बताते हुए कहा कि चाहे सिलक्यारा टनल हादसा हो, जोशीमठ का संकट हो या आपदा की कोई और घड़ी, धामी ने हमेशा सबसे आगे रहकर पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है।
पुस्तक विमोचन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भावुक नजर आए। अपने संबोधन में उन्होंने बचपन की पगडंडियों और पहाड़ के जीवन की यादें साझा कीं। अपनी मां के संघर्षों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक सैनिक की पत्नी के रूप में उन्होंने विषम परिस्थितियों में परिवार को संभाला। धामी ने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी यह नहीं सोचा था कि वे किसी बड़े पद पर पहुंचेंगे या कुछ ‘बनेंगे’, लेकिन उनके मन में हमेशा यह ‘जीवंत ऊष्मा’ जरूर थी कि वे समाज के लिए कुछ अच्छा ‘करेंगे’।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी अपने विचार रखे। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सांस्कृतिक गौरव और विकास को गति दे रहे हैं, ठीक उसी तर्ज पर पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में कार्य कर रहे हैं। वहीं प्रमोद कृष्णम ने धामी की कर्तव्यपरायणता की तारीफ करते हुए कहा कि वे देश और काल की वास्तविकताओं को समझते हुए निर्णय लेते हैं।
लेखिका संभावना पंत ने पुस्तक के बारे में बताया कि इसमें मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत गुणों, उनकी दूरदर्शी सोच और नेतृत्व क्षमता का समावेश है। यह पुस्तक उनके युवा अवस्था के संघर्षों से लेकर राज्य के शीर्ष पद तक पहुंचने की गाथा है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला और पद्मश्री बसंती बिष्ट समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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