लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनाव कार्यों और मतदाता सूची को अपडेट करने में दिन-रात एक करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए एक बहुत अच्छी खबर सामने आई है। प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआइआर अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) और उनके सुपरवाइजरों की मेहनत का अब उन्हें बेहतर फल मिलने जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से मानदेय बढ़ाने का आदेश जारी होने के बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया है।
इस प्रस्ताव के मंजूर होते ही प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की जेब में अब पहले से ज्यादा पैसा आएगा। सबसे बड़ी राहत बीएलओ को मिलने जा रही है। अब तक बीएलओ को काम के बदले पांच सौ रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता था लेकिन अब इसे दोगुना करने की तैयारी है। नए प्रस्ताव के अनुसार बीएलओ को अब एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस हिसाब से उन्हें सालाना बारह हजार रुपये मानदेय के रूप में मिलेंगे। प्रदेश में बीएलओ की संख्या काफी बड़ी है। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब 1.62 लाख बीएलओ तैनात हैं जो घर-घर जाकर मतदाता सूची को दुरुस्त करने का काम करते हैं।
सिर्फ बीएलओ ही नहीं बल्कि उनके ऊपर निगरानी रखने वाले सुपरवाइजरों के मानदेय में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है। सुपरवाइजरों का मानदेय डेढ़ गुना बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में कुल 16,795 सुपरवाइजर कार्यरत हैं। पहले इन्हें एक हजार रुपये महीना मिलता था लेकिन अब नई व्यवस्था लागू होने पर इन्हें पंद्रह सौ रुपये महीना दिया जाएगा। यानी अब सुपरवाइजरों को सालाना बारह हजार रुपये के बजाय अठारह हजार रुपये मिलेंगे।
इस बार के प्रस्ताव में एक और खास बात यह है कि अधिकारियों को भी पहली बार इस दायरे में लाया गया है। एसआइआर में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (एईआरओ) को भी अब मानदेय देने की तैयारी है। इससे पहले इन अधिकारियों को इस कार्य के लिए अलग से मानदेय नहीं मिलता था। प्रस्ताव के मुताबिक ईआरओ को तीस हजार रुपये और एईआरओ को पच्चीस हजार रुपये का एकमुश्त मानदेय दिया जाएगा। प्रदेश में 403 ईआरओ और 2042 एईआरओ तैनात हैं जो इस लाभ के दायरे में आएंगे।
इसके अलावा मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के लिए बीएलओ को एक अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। सूची पुनरीक्षण के विशेष कार्य के लिए बीएलओ को दो हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। फिलहाल यह पूरा प्रस्ताव वित्त विभाग के पास भेजा गया है। जैसे ही वित्त विभाग से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलेगी यह बढ़ा हुआ मानदेय सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलना शुरू हो जाएगा। सरकार का यह कदम जमीनी स्तर पर चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने वाले इन कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने वाला साबित होगा।
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