धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊना जिले में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताते हुए ऊना के उपायुक्त (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को विशेष रूप से धर्मशाला तलब किया। तपोवन में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और उन्हें कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए एक महीने का कड़ा अल्टीमेटम दिया है।
मामला ऊना में हाल ही में हुए गोलीकांड और फिरौती मांगने की घटनाओं से जुड़ा है जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है। मुख्यमंत्री ने डीसी जतिन लाल और एसपी अमित यादव को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अगले तीस दिनों के भीतर जिले में सक्रिय अपराधियों और माफियाओं पर नकेल कसें। मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा है कि एक महीने बाद उन्हें इस बाबत पूरी रिपोर्ट चाहिए और वे ठोस कार्रवाई देखना चाहते हैं।
सुक्खू ने अधिकारियों को चेताया है कि कानून व्यवस्था के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इन आपराधिक घटनाओं के तार अवैध खनन माफिया और नशे के कारोबार यानी चिट्टा माफिया से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि पुलिस और प्रशासन की ढिलाई के कारण ही अपराधियों के हौसले बुलंद हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को अवैध खनन और नशा तस्करी के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।
बुधवार को सदन की बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बैठक की पुष्टि की। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने ऊना में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए डीसी और एसपी दोनों को बुलाया था। उन्होंने कहा कि सभी तरह की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन को एक महीने का वक्त दिया गया है। इस अवधि के दौरान आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना ही रसूखदार क्यों न हो। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि नशे के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए आगामी पहली दिसंबर को धर्मशाला में चिट्टे के खिलाफ एक वॉकथॉन का आयोजन भी किया जाएगा।
ऊना में हो रही इन आपराधिक वारदातों का असर अब सियासी गलियारों में भी देखने को मिल रहा है। गोलीबारी और फिरौती की घटनाओं ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। जिले में पूर्व विधायक सतपाल रायजादा और वर्तमान विधायक सतपाल सत्ती के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। दोनों नेताओं के बीच सियासी जंग और तीखी होती जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई यह चेतावनी और एक महीने का अल्टीमेटम यह दर्शाता है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर है और वह जल्द से जल्द ऊना में शांति और कानून का राज स्थापित करना चाहती है। अब देखना यह होगा कि एक महीने के भीतर ऊना पुलिस और प्रशासन इन चुनौतियों से कैसे निपटता है।
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