देहरादून, उत्तराखंड में लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे उपनल कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे हजारों कर्मचारियों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। सरकार ने उपनल कर्मियों को ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मंजूरी दे दी है। इस फैसले से राज्य के हजारों परिवारों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
बारह साल की सेवा वालों को मिलेगा पूरा लाभ
सरकार द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत कर्मचारियों को दो श्रेणियों में लाभ दिया जाएगा। सबसे बड़ी राहत उन अनुभवी कर्मचारियों को मिली है जिन्होंने अपनी सेवाएं देते हुए लंबा वक्त गुजारा है। सैनिक कल्याण विभाग के सचिव दीपेंद्र चौधरी द्वारा जारी किए गए परिपत्र के अनुसार राज्य सरकार के अधीन अलग-अलग विभागों और संस्थानों में तैनात ऐसे उपनल कर्मचारी जिन्होंने 12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी कर ली है उन्हें अब बेहतर वेतनमान मिलेगा। इन कर्मचारियों को ‘समान कार्य समान वेतन’ के सिद्धांत के आधार पर संबंधित पद के वेतनमान का न्यूनतम वेतन और साथ में महंगाई भत्ता (डीए) प्रदान किया जाएगा। यह फैसला कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
चरणबद्ध तरीके से बाकी कर्मचारियों को भी मिलेगा हक
सरकार ने केवल वरिष्ठ कर्मचारियों ही नहीं बल्कि कम सेवा अवधि वाले कर्मचारियों का भी ध्यान रखा है। फैसले के दूसरे हिस्से में यह स्पष्ट किया गया है कि जिन उपनल कर्मियों की सेवा अवधि अभी 12 वर्ष से कम है उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने तय किया है कि अन्य उपनल कार्मिकों को भी चरणबद्ध तरीके से इसी सिद्धांत का लाभ दिया जाएगा। यानी आने वाले समय में जैसे-जैसे उनकी सेवाएं आगे बढ़ेंगी उन्हें भी यथाशीघ्र समान कार्य और समान वेतन के अनुरूप न्यूनतम वेतनमान और महंगाई भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा।
हाई कोर्ट के आदेश और बैठकों के बाद निकला रास्ता
यह फैसला रातों-रात नहीं लिया गया है बल्कि इसके पीछे लंबी कानूनी प्रक्रिया और विचार-विमर्श शामिल है। यह निर्णय नैनीताल हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर साल 2018 में दिए गए आदेश के अनुपालन में लिया गया है। हाल ही में उपनल कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक की थी। इस बैठक में कर्मचारियों की समस्याओं और हाई कोर्ट के आदेशों पर विस्तार से चर्चा हुई। शासन स्तर पर हुए इसी गहन विचार-विमर्श के बाद सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।
जल्द जारी होंगे औपचारिक आदेश
सैनिक कल्याण सचिव ने प्रबंध निदेशक उपनल को इस संबंध में निर्देश भेज दिए हैं। राज्य सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि इस फैसले को जमीनी स्तर पर लागू करने में देरी नहीं की जाएगी। कर्मचारियों को समयबद्ध तरीके से लाभ मिल सके इसके लिए जल्द ही औपचारिक शासनादेश जारी कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी सरकार उपनल कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सरकार लगातार आवश्यक कदम उठा रही है।
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