प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, दुनिया के कई अन्य राष्ट्राध्यक्ष भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग पहुंच रहे हैं। यह सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, समावेशी विकास और अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में तीन प्रमुख सत्रों को संबोधित कर सकते हैं। पहला सत्र “समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई वंचित न रहे” विषय पर केंद्रित होगा। इसमें सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करते हुए आर्थिक प्रगति के महत्व पर जोर दिया जाएगा।
दूसरा सत्र “एक गतिशील विश्व – जी20 का योगदान” विषय पर आधारित होगा। इस सत्र का उद्देश्य आपदा जोखिम में कमी, जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों जैसे वैश्विक चुनौतियों पर प्रकाश डालना है। प्रधानमंत्री इन मुद्दों पर भारत के प्रयासों और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर बात कर सकते हैं।
तीसरा सत्र “सभी के लिए निष्पक्ष और न्यायोचित भविष्य” विषय पर केंद्रित होगा। इस सत्र में न्यायपूर्ण और समान वैश्विक व्यवस्था बनाने के उपायों पर चर्चा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी इन तीनों सत्रों में भारत की प्राथमिकताओं और समाधानों को साझा करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका यात्रा पर रवाना होने से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे 20वें जी20 लीडर्स समिट में शामिल होने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह एक “खास समिट” होगा क्योंकि यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है। उन्होंने याद दिलाया कि 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, अफ्रीकी संघ जी20 का स्थायी सदस्य बना था, जो अफ्रीका के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी।
जी20 शिखर सम्मेलन के इतर, प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित की जा रही इंडिया-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) लीडर्स बैठक में भी हिस्सा लेंगे। यह बैठक इन तीन विकासशील देशों के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत करने का एक अवसर प्रदान करेगी। आईबीएसए मंच वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह यात्रा भारत के लिए वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और मजबूत करने का एक अवसर है, खासकर ऐसे समय में जब भारत वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को उठाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।
Pls read:Delhi: 272 नागरिकों ने संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने के प्रयासों की निंदा की