पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के गठन की तैयारी युद्धस्तर पर शुरू हो चुकी है। वहीं, नई सरकार के स्वरूप को लेकर प्रशासनिक महकमे में चर्चा तेज है, जबकि सत्ता के शीर्ष पर बैठे तमाम नौकरशाह अब तेजी से काम में जुट गए हैं। उन्हें चार-पांच बिंदुओं पर महत्वपूर्ण टास्क भी मिले हैं।
इन टास्क में नई सरकार के संदर्भ में क्या-क्या तैयारियां करनी हैं और चुनाव के समय एनडीए के स्तर से जितनी घोषणाएं की गई हैं, उन्हें अब पूरा करने के लिए नई सरकार की बजटीय योजना का आकार-प्रकार क्या होगा, यह तय करना शामिल है। चूंकि नई सरकार का गठन इसी सप्ताह हो जाएगा, उससे पहले सभी विभागों द्वारा नए मंत्रियों के सामने पेश किए जाने वाले नोट्स और पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन को भी तैयार कराया जा रहा है। इसे लेकर बिहार सरकार के तमाम महकमों में सरगर्मी तेज हो गई है।
शिक्षा विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और श्रम संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडलीय विभाग से चालू योजनाओं के साथ-साथ उन एजेंडों की बिंदुवार सूची तैयार करने का निर्देश मिला है, जिन पर नई सरकार के स्तर से तत्काल फैसला लिया जाना है। साथ ही, विभागीय स्तर पर लंबित महत्वपूर्ण फैसलों की सूची भी तैयार कराई जा रही है। यह सुनिश्चित करेगा कि नई सरकार के पास कार्यभार संभालते ही एक स्पष्ट रोडमैप हो।
इसी तरह योजना एवं विकास विभाग, वित्त विभाग, पथ निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विज्ञान, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग, ऊर्जा विभाग, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग समेत अन्य महकमों को पहले से जारी योजनाओं और अपरिहार्यवश लंबित योजनाओं और उससे संबंधित बजट एवं खर्च की स्थिति, बजट की वस्तुस्थिति पर रिपोर्ट और विभिन्न योजनाओं पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन तैयार रखने को कहा गया है, ताकि नई सरकार के मंत्रियों के सामने उसे व्यवस्थित रूप से पेश किया जा सके। यह विभागों के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करेगा।
केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं में अब तक कितना केंद्रांश मिला है, इस संदर्भ में भी विभागवार रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। साथ ही संबंधित रिपोर्ट की पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन की सॉफ्ट कॉपी सीडी के रूप में तैयार रखने को कहा गया है। सभी विभागों को अपनी रिपोर्ट में मुद्दों पर फोकस बिंदुवार जानकारी की एक प्रति मुख्य सचिव सेल को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। यह केंद्रीय समन्वय और सूचना के आदान-प्रदान के लिए महत्वपूर्ण है।
इस बीच, पुराना सचिवालय स्थित सभाकक्ष में मुख्य सचिव के स्तर पर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों तथा सचिवों की एक अहम बैठक भी आयोजित होगी। इस बैठक में सभी विभागों की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नई सरकार के गठन के तुरंत बाद सभी प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से शुरू हो सकें। यह पूरी कवायद बिहार में नई सरकार के सुचारू और प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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