Uttarakhand: देहरादून में पूर्व भाजपा विधायक के बेटे पर मारपीट और धमकी का आरोप, गनर पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप

देहरादून। राजधानी देहरादून से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पूर्व भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एस रामास्वामी के बेटे आर यशोवर्धन से मारपीट करने और पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं। यही नहीं, दिव्य के साथ मौजूद गनर राजेश सिंह पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का भी आरोप लगा है, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है।

मुख्य बिंदु

  • चैंपियन के बेटे ने पूर्व मुख्य सचिव के बेटे से की मारपीट।

  • साइड नहीं मिलने पर भड़के चैंपियन के बेटे दिव्य।

  • गनर पर गंभीर आरोप।

चैंपियन के बेटे ने पूर्व मुख्य सचिव के बेटे से की मारपीट

राजपुर थाना पुलिस ने घटना के बाद दिव्य प्रताप सिंह और गनर राजेश सिंह के खिलाफ मारपीट, धमकी, हथियार लहराने और सड़क दुर्घटना सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल बोलेरो वाहन को मौके से सीज कर दिया है और लैंड क्रूजर की लोकेशन भी ट्रेस की जा रही है। इस पूरे प्रकरण के बाद आरोपी गनर को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, क्योंकि इसमें एक पूर्व विधायक के बेटे और एक सरकारी गनर की संलिप्तता है।

साइड नहीं मिलने पर भड़के चैंपियन के बेटे दिव्य

तहरीर के अनुसार, आर यशोवर्धन दिलाराम चौक से साईं मंदिर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान पैसेफिक मॉल के पास पीछे चल रही कार ने उन्हें ओवरटेक करने की कोशिश की, लेकिन सड़क संकरी होने के चलते वे साइड नहीं दे पाए। इससे गाड़ी सवार युवक भड़क गए। मसूरी डायवर्जन पर पहुंचते ही एक सफेद लैंड क्रूजर और बोलेरो ने यशोवर्धन की गाड़ी को टक्कर मारकर रोक लिया। यह घटना सड़क पर विवाद के बाद हुए हमले का एक उदाहरण है।

गनर पर गंभीर आरोप

पीड़ित का आरोप है कि गनर ने उन्हें सड़क पर गिराकर लात और घूंसों से हमला किया, जबकि दूसरे युवक ने उनके ड्राइवर की ओर पिस्तौल तानकर जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं, बताया गया कि हमले के दौरान गनर ने यशोवर्धन की शर्ट पर लगे तिरंगे पर भी लात मारी, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान एक गंभीर आरोप है और इससे जनभावनाएं भड़क सकती हैं। घटना के बाद एसएसपी ने स्वयं मामले की निगरानी करने की बात कही है। पुलिस ने विशेष टीमों को संभावित ठिकानों की तलाश में भेज दिया है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है। इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है, ताकि कानून का राज स्थापित हो सके।

 

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