Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने कहा साहित्य भावनाओं और विचारों का सशक्त माध्यम

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मोहनी रोड स्थित दून इंटरनेशनल स्कूल में देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने वेणु अग्रहारा ढ़ींगरा द्वारा लिखित पुस्तक “लीडिंग लेडीज ऑफ इंडिया” का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता में भी साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि “लीडिंग लेडीज ऑफ इंडिया” पुस्तक पाठकों, विशेष रूप से महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना अत्यंत आवश्यक है। आज बेटियां हर क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही हैं और अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं के महत्व पर भी प्रकाश डाला, और कहा कि राज्य की आत्मा उसकी संस्कृति में बसती है। यहां की संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि विगत दो वर्षों से राज्य में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इन सम्मेलनों का मूल उद्देश्य लोगों को अपनी जड़ों से जोड़े रखना है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि प्रवासी सम्मेलन के आयोजन के बाद से अनेक प्रवासियों द्वारा अपने मूल गांवों के विकास के साथ ही प्रदेश के विकास में सहयोगी बनने की इच्छा जताई गई है। यह दर्शाता है कि प्रवासी उत्तराखंडी भी अपने गृह राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री की पत्नी गीता पुष्कर धामी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, दून इंटरनेशनल स्कूल समूह के संस्थापक डीएस मान और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम ने साहित्य, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित किया, साथ ही उत्तराखंड के विकास में विभिन्न क्षेत्रों से भागीदारी को प्रोत्साहित किया। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल जैसे आयोजन साहित्य और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा मिलता है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक और ऐसे साहित्यिक आयोजन समाज को नई दिशा देंगे और लोगों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करेंगे।

 

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