Uttarakhand: एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने पकड़े दो नशा तस्कर, ₹36 लाख की हेरोइन बरामद

देहरादून: एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाया, जिसमें दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई उत्तराखंड में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को एक और सफलता दिलाती है.

गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान अब्बास पुत्र मोहम्मद ईशाक (35 वर्ष, निवासी आजाद कॉलोनी) और मोहम्मद सावेज पुत्र शाहिद (27 वर्ष, निवासी भंडारी बाग) के रूप में हुई है. पुलिस ने इनके पास से 123 ग्राम अवैध हेरोइन बरामद की है. बरामद हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग ₹36 लाख आंकी गई है, जो इसकी गंभीरता को दर्शाती है.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने इस गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपितों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. उन्होंने बताया कि वे यह हेरोइन बरेली निवासी जाकिर नामक व्यक्ति से लाते थे. इसके बाद, देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में कॉलेज छात्रों और अन्य लोगों को छोटे पैकेटों में बेचते थे. यह खुलासा चिंताजनक है क्योंकि यह दर्शाता है कि नशा तस्कर युवाओं, विशेषकर कॉलेज छात्रों को अपना निशाना बना रहे हैं.

यह कार्रवाई एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम है. इस तरह के संयुक्त अभियान नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने और राज्य में नशे के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. नशाखोरी एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर रही है और समाज में अपराधों को बढ़ा रही है.

पुलिस अब बरेली निवासी जाकिर की तलाश में जुट गई है, जो इस नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रतीत होता है. जांच एजेंसियां इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं और इसका विस्तार कहां-कहां तक है. इस तरह की कार्रवाई से नशा तस्करों में भय पैदा होगा और वे अपनी गतिविधियों को अंजाम देने से पहले कई बार सोचेंगे.

उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना रहा है. मुख्यमंत्री ने भी कई बार नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. यह गिरफ्तारी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उम्मीद है कि इस तरह की कार्रवाइयां जारी रहेंगी और उत्तराखंड को नशे के चंगुल से मुक्त करने में मदद मिलेगी. आम जनता से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दें ताकि नशा तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके.

 

Pls read:Uttarakhand: शिक्षा का उद्देश्य चरित्र और राष्ट्र निर्माण हो- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *