शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए हैं कि आयुष विभाग के तहत स्नातकोत्तर कर रहे डॉक्टरों को 100 प्रतिशत वेतन दिया जाए। उन्होंने पिछली अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें केवल 40 प्रतिशत वेतन का प्रावधान था। यह निर्णय आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यहां आयोजित आयुष विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में वेलनेस पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है, और इस पहल में आयुष विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश की जलवायु और प्राकृतिक परिवेश वेलनेस पर्यटन के लिए बड़ी संभावनाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने विभाग को उच्च ओपीडी वाले आयुष स्वास्थ्य संस्थानों का अध्ययन करने का निर्देश दिया ताकि इन सुविधाओं को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिक रोगी प्रवाह वाले संस्थानों को लोगों की अधिक प्रभावी ढंग से सेवा करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी और उन्नत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सुक्खू ने विभाग को बेहतर ट्रैकिंग और सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए रोगी डेटा को हिम परिवार नंबरों के साथ एकीकृत करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नाहन में एक नए आयुष कॉलेज की स्थापना पर विचार कर रही है, और पप्रोला स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने सहित सभी संभावित सहायता का आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने विभाग को स्पीति घाटी जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हर्बल गार्डन विकसित करने का भी निर्देश दिया, जिससे क्षेत्र की अद्वितीय जैव विविधता का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य भर के बालिका आश्रमों और वृद्धाश्रमों में योग कक्षाएं शुरू की जाएं ताकि निवासी समग्र कल्याण प्रथाओं से लाभ उठा सकें।
बैठक में आयुष मंत्री यादविंदर गोमा, सचिव ए. शाइनमोल, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक रोहित जामवाल और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।