Punjab: आइएसआइ का नया षड्यंत्र दरिया के रास्ते हथियारों की तस्करी

अमृतसर. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने पंजाब में अशांति फैलाने के लिए नया षड्यंत्र रचा है. अब ड्रोन के साथ दरिया के रास्ते भी हथियार भेजे जा रहे हैं.

मंगलवार को भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित गांव कोनेवाल से बरामद दो एके-47, आठ मैगजीन, 245 कारतूस, एक पिस्तौल व 50 कारतूस इसी रणनीति का हिस्सा हैं.

बुधवार को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने गांव कोनेवाल में जांच की तो कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले. आशंका है कि ये हथियार पाकिस्तानी तस्करों की तरफ से रावी दरिया के माध्यम से भारतीय सीमा में लाए गए थे.

गांव कोनेवाल रावी दरिया के निकट स्थित है और आतंकी हैप्पी पशियां का गांव भी दरिया से एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. गांव में पशियां के गुर्गे भी हैं, जो पहले भी हथियार और हेरोइन ठिकाने लगा चुके हैं.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह खेप आइएसआइ ने आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) के रिंदर सिंह उर्फ रिंदा के कहने पर हैप्पी पशियां के साथी जीवन फौजी के लिए भेजी थी.

खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन की गतिविधियां मुख्य रूप से अटारी और अजनाला क्षेत्र में होती हैं. रावी दरिया अपनी सर्पाकार संरचना के कारण तीन से चार किलोमीटर पाकिस्तान की सीमा में और इतना ही भारतीय क्षेत्र में है.

गांव कोनेवाल दरियाई क्षेत्र होने के कारण यहां ड्रोन मूवमेंट सफल नहीं हो पाता, जिससे तस्कर अब दरिया के रास्ते हथियार भेजने लगे हैं. इस वर्ष अगस्त में आई बाढ़ का फायदा भी पाकिस्तान के तस्करों ने उठाया.

बाढ़ के दौरान रावी और सतुलज दरिया पार करके हथियारों और हेरोइन की खेप ठिकाने लगाई गई. फाजिल्का में बाढ़ की आड़ में दो बार बड़ी खेप भेजी गई थी. 11 सितंबर को 27 पिस्तौल, 54 मैगजीन और 470 कारतूस बरामद हुए थे.

दूसरी खेप में 16 पिस्तौल, 38 मैगजीन और 1,847 कारतूस मिले थे. इसके अलावा, 2024 में सौ किलो हेरोइन की खेप भी रावी दरिया के रास्ते मंगवाकर ब्यास के रइया इलाके में छिपाई गई थी, जिसे काउंटर इंटेलिजेंस (सीआइ) ने बरामद किया था.

 

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