लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर रेल लाइन पार करते समय हावड़ा-कालका मेल ट्रेन से हुई जनहानि का संज्ञान लिया। उन्होंने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। यह घटना कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए चुनार आए श्रद्धालुओं के साथ हुई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को भी मौके पर तैनात करने का आदेश दिया, ताकि बचाव कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सके। योगी आदित्यनाथ ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ घायलों के समुचित उपचार के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
गौरतलब है कि चुनार स्टेशन पर बुधवार की सुबह एक बड़ा और हृदय विदारक हादसा हुआ। यहां हावड़ा-कालका मेल ट्रेन की चपेट में आने से छह महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हादसे में क्षत-विक्षत शवों को जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) के जवानों ने एकत्र कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सोनभद्र की ओर से आने वाली गोमो-प्रयागराज बरवाडीह पैसेंजर ट्रेन सुबह करीब सवा नौ बजे प्लेटफार्म नंबर चार पर पहुंची थी। उसमें सवार श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए चुनार आए थे। प्लेटफार्म नंबर चार पर उतरने के बाद वे विपरीत दिशा में प्लेटफार्म नंबर तीन की ओर जाने के लिए रेल लाइन पार करने लगे। इसी दौरान थ्रू जा रही कालका मेल की चपेट में आ गए।
इस हादसे में जिन महिला श्रद्धालुओं की मौत हुई, उनमें सविता देवी पत्नी राजकुमार निवासी राजगढ़ मीरजापुर, साधना देवी पत्नी विजय शंकर निवासी राजगढ़ मीरजापुर, शिव कुमारी पत्नी विजय कुमार निवासी कमरिया राजगढ़ मीरजापुर, अंजू देवी पत्नी श्याम प्रसाद निवासी पड़री मीरजापुर, सुशीला देवी पत्नी मोतीलाल निवासी पड़री मीरजापुर, और कलावती देवी पत्नी जनार्दन यादव निवासी बसवा कर्मा सोनभद्र शामिल हैं। यह घटना रेलवे सुरक्षा और यात्रियों की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करती है, और प्रशासन द्वारा इस पर तत्काल कार्रवाई की उम्मीद है।