पटना। केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह, जिन्हें ललन सिंह के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने ऊपर लगे धमकी देने के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी को धमकी नहीं दी, बल्कि गरीबों को निर्भय होकर मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्होंने कहा कि यह वही काम है जो चुनाव आयोग भी आम मतदाताओं से निर्भय होकर मतदान करने की अपील कर के करता है।
ललन सिंह बुधवार को एक वीडियो पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसके बारे में विपक्ष का आरोप है कि मोकामा में उन्होंने लोगों से विरोधियों को मतदान केंद्रों पर नहीं जाने देने की अपील की थी। इस मामले में ललन सिंह के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वह वीडियो शिवनार गांव का है। उन्होंने कहा कि इस गांव में राष्ट्रीय जनता दल का एक दबंग नेता है जो गरीबों को वोट नहीं डालने देता है। ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने उसी दबंग नेता को घर में बंद करने और आग्रह पर मतदान करने की अनुमति देने की अपील की थी। उन्होंने लोगों से यह भी कहा था कि वे गरीबों को मतदान का अवसर उपलब्ध कराएं।
ललन सिंह ने आगे कहा कि उन्हें मोकामा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 15 से 27 तक के गरीब मतदाताओं को भी मतदान करने से रोकने की शिकायतें मिली थीं। उन्होंने बताया कि इन गरीबों को धमकी दी जाती है कि अगर उन्होंने मतदान किया तो उन्हें “छह इंच छोटा” कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसी तरह की अपील अपने कार्यकर्ताओं से भी की है और उनसे कहा है कि हर हाल में गरीबों का मतदान सुनिश्चित कराएं। ललन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि ये गरीब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वोटर हैं और इन्हें डराकर मतदान करने से नहीं रोका जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने दुलारचंद यादव की हत्या को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि यादव की शवयात्रा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल समर्थकों ने एक जाति विशेष के लोगों के प्रति जिस भाषा का उपयोग किया, वह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग समाज में विभाजन पैदा करता है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
ललन सिंह ने अपने वीडियो के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनके वीडियो के केवल आधे हिस्से को दिखाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से पूरा वीडियो देखने का आग्रह किया ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने वास्तव में क्या कहा था। उन्होंने कहा कि पूरा वीडियो देखने पर उनकी बात का सही संदर्भ समझ में आएगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि चुनाव आयोग की ओर से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वे आयोग का सम्मान करते हैं और अपना पक्ष आयोग के सामने रखेंगे। ललन सिंह ने कहा कि वे पूरी ईमानदारी से अपनी बात चुनाव आयोग के समक्ष रखेंगे और यह साबित करेंगे कि उनका इरादा किसी को धमकी देने का नहीं था, बल्कि गरीबों के मताधिकार की रक्षा करना था। इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में गरमागरम बहस जारी है और सभी की निगाहें चुनाव आयोग के अगले कदम पर टिकी हैं।
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