Himachal: मुख्यमंत्री सुक्खू ने करसोग को दी 188.8 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज करसोग क्षेत्र के लोगों के लिए 188.8 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इन परियोजनाओं में बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर सामुदायिक सुविधाओं तक कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं, जिनसे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने जिन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें 34.25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित संयुक्त कार्यालय भवन, 1.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विषय वस्तु विशेषज्ञ बागवानी कार्यालय भवन और 29.51 लाख रुपये की लागत से निर्मित पंचायत सामुदायिक केंद्र त्रिमन शामिल हैं.  इसके अतिरिक्त, 90.11 लाख रुपये की लागत से माहूंनाग मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, 71.57 लाख रुपये के मैंडी ग्राम पंचायत के कार्य, 13 लाख रुपये की लागत से निर्मित स्वास्थ्य उप केंद्र भंथल, 32.74 लाख रुपये से ग्राम पंचायत सामुदायिक केंद्र सुई कुफरीधार और संयुक्त कार्यालय भवन में 13.75 लाख रुपये से निर्मित ‘अपना पुस्तकालय’ भी शामिल हैं. 

मुख्यमंत्री ने भविष्य की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी. इनमें करसोग कस्बे और आसपास के गांवों के लिए 55 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली मल निकासी योजना सबसे प्रमुख है.[  सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए भी कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिनमें 31.80 लाख रुपये की लागत से भाखरॉट-करसोग-सनारली-सैंज सड़क का उन्नयन, 13.18 करोड़ रुपये से खील से भगैलू सड़क का उन्नयन, 19.75 करोड़ रुपये की लागत से खील से भगैलू (कैलोधार गर्जूब) सड़क का उन्नयन, 11.06 करोड़ रुपये की लागत से छालोग से बघैल मार्ग और 18.60 करोड़ रुपये की लागत से कैलोधार से सैंज सड़क के उन्नयन कार्य शामिल हैं. 

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री सुक्खू ने करसोग विधानसभा क्षेत्र के लिए कई अतिरिक्त विकास परियोजनाओं की भी घोषणा की. उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग को राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल में बदलने की घोषणा की, जो अगले शैक्षणिक वर्ष से सीबीएसई से संबद्ध होगा.  उन्होंने करसोग में एक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र और एक 66 केवी सबस्टेशन के निर्माण की भी घोषणा की.  इसके साथ ही, तिब्बन और पांगणा स्कूलों को सीबीएसई स्कूलों में बदलने, सनारली, मतेड़ और बनेड़ा में पटवार सर्कल खोलने, तथा तत्तापानी-बखरौट सड़क के सुधार की भी घोषणा की गई.  मुख्यमंत्री ने आईटीआई भवन को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने और उसमें एआई और मशीन लर्निंग कोर्स शुरू करने की बात कही.  उन्होंने करसोग अस्पताल में जल्द ही एक रेडियोलॉजिस्ट नियुक्त करने की भी घोषणा की. 

मुख्यमंत्री ने पिछले मानसून आपदा के दौरान करसोग क्षेत्र को हुए भारी नुकसान का भी उल्लेख किया और बताया कि राज्य सरकार बादल फटने की घटनाओं के कारणों का अध्ययन करवा रही है.  उन्होंने करसोग में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए 94 घरों के पुनर्वास के लिए प्रत्येक घर को 7 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की.  मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर केंद्र सरकार से अतिरिक्त उधार अनुमति प्राप्त करने में बाधा डालने का भी आरोप लगाया और कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के बाद केंद्र ने राज्य को वित्तीय सहायता रोक दी है.   उन्होंने विश्वास दिलाया कि धन की कमी के बावजूद विकास और कल्याणकारी कार्यों में कोई बाधा नहीं आएगी.

 

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