Uttarakhand: मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुधवार से शुरू होगी पीडीएनए प्रक्रिया, भारत सरकार को भेजा जाएगा विस्तृत प्रस्ताव – The Hill News

Uttarakhand: मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुधवार से शुरू होगी पीडीएनए प्रक्रिया, भारत सरकार को भेजा जाएगा विस्तृत प्रस्ताव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद, मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारत सरकार से विशेष पैकेज प्राप्त करने हेतु आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. इसी क्रम में, बुधवार से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुई क्षति का वास्तविक आकलन करने के लिए पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट) प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

शनिवार को, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में जिलाधिकारियों और विभिन्न विभागाध्यक्षों ने पीडीएनए और एसडीआरएफ मद में आच्छादित तथा अनाच्छादित क्षति का विवरण उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की. बैठक के दौरान, एसडीआरएफ के नवीनतम मानकों की जानकारी दी गई और सूचनाएं भेजने के लिए प्रारूप भी साझा किया गया.

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल्द से जल्द पीडीएनए प्रक्रिया को पूरा कर भारत सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं भी नियमित रूप से इस प्रक्रिया की जानकारी ले रहे हैं. सुमन ने स्पष्ट किया कि सभी विभागों के लिए यह बताना अनिवार्य है कि क्षतिग्रस्त योजना के लिए एसडीआरएफ मद में कितनी धनराशि की प्रतिपूर्ति की जा सकती है और कितनी नहीं. जिस धनराशि की प्रतिपूर्ति एसडीआरएफ मद में नहीं की जा सकेगी, उसके लिए भारत सरकार से विशेष पैकेज के तहत अनुरोध किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस मानसून सीजन में राज्य को भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई अकेले एसडीआरएफ मद से संभव नहीं है, इसलिए भारत सरकार से विशेष पैकेज की आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री धामी ने बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने और इसमें किसी भी प्रकार की देरी न करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बारिश रुकने के तुरंत बाद सड़कों के पैचवर्क का कार्य शुरू करने के भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, बिजली और पानी की क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत भी शीघ्र करने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि जनपदों और विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन को जल्द से जल्द सामान्य किया जाए. स्थिति सामान्य होने तक प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दैनिक जरूरतों की आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने आपदा के दौरान सभी विभागों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की. इस अवसर पर अपर सचिव/अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक कुमार आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, ज्योतिर्मय त्रिपाठी और विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे.

मुख्य सचिव के निर्देश- अगले हफ्ते से फील्ड विजिट करेंगे विभागाध्यक्ष

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने निर्देश दिए हैं कि आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करने के लिए सभी विभागाध्यक्ष अगले सप्ताह से फील्ड विजिट करेंगे. पहले हफ्ते विभागाध्यक्ष स्वयं जाएंगे और दो दिन जनपद में ही रुकेंगे. दूसरे हफ्ते विभागाध्यक्ष के बाद द्वितीय वरिष्ठ अधिकारी और तीसरे हफ्ते तृतीय वरिष्ठ अधिकारी फील्ड विजिट करेंगे. सभी विभागाध्यक्ष जनपदों में जिलाधिकारियों से भी मुलाकात कर विभागीय कार्यों को गति देने के लिए समन्वय स्थापित करेंगे. जिन कार्यों में समस्याएं आ रही हैं, जिलाधिकारी से वार्ता कर उनका तत्काल ही निराकरण करेंगे. जिलाधिकारी द्वारा भी विभागीय स्तर पर आ रही समस्याओं को विभागाध्यक्ष को अवगत कराया जाएगा और समाधान करते हुए कार्यों को गति दी जाएगी.

जनपदों में जिलाधिकारी लीड करेंगे पीडीएनए टीम को

बुधवार से आपदाओं के बाद आवश्यकताओं के आकलन के लिए पीडीएनए की प्रक्रिया शुरू हो रही है. सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बुधवार से पीडीएनए के लिए भारत सरकार की टीम उत्तराखंड पहुंच रही है. पीडीएनए के लिए चार टीमें बनाई गई हैं, जो सभी जनपदों में जाकर क्षति का वास्तविक आकलन करेंगी. जनपद स्तर पर टीम को जिलाधिकारी लीड करेंगे. विभागाध्यक्ष नोडल अधिकारी के रूप में योगदान करेंगे. इस टीम में जनपद स्तर पर कुछ अधिकारियों को जिलाधिकारी तथा कुछ को विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक योजना का पीडीएनए किया जाएगा और उसके अनुरूप ही प्रस्ताव भारत सरकार को दिया जाएगा. टीम में सभी विभागों के लोगों को शामिल किया गया है.

आपदा से प्रभावित हुए लोगों की आजीविका का रखा जाएगा ध्यान

सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा के कारण सिर्फ परिसंपत्तियों को ही नहीं, बल्कि लोगों की आजीविका को भी व्यापक नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि लोगों की आजीविका को दोबारा से पटरी पर लाने तथा पुनः बहाल करने के लिए सरकार की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी. उन्होंने बताया कि आपदा के कारण तीर्थाटन व पर्यटन से जुड़े लोगों के रोजगार व आजीविका को गहरा आघात लगा है. होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालक, ड्राइवर, क्लीनर, टैक्सी संचालक, तीर्थ पुरोहित, किसान, फल-फूल विक्रेता, टूरिस्ट गाइड आदि अनेक व्यवसायों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष व्यापक नुकसान हुआ है. सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि इसका भी आकलन कर पीडीएनए में शामिल किया जाए

 

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