नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार (12 सितंबर 2025) को बम की सूचना मिलने से हड़कंप मच गया, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से सभी अदालती कार्यवाही रोक दी गई और परिसर को खाली करा लिया गया. यह धमकी एक ईमेल के जरिए दी गई, जिसमें दावा किया गया कि कोर्ट परिसर में बम रखे गए हैं और दोपहर 2 बजे तक इसे खाली करने की चेतावनी दी गई थी.
शुरुआती जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज को यह धमकी भरा ईमेल मिला. ईमेल में जज रूम में तीन बम होने की बात कही गई थी. इस सूचना के बाद कई बेंचों ने सुनवाई रोक दी और तुरंत उठ गईं.
घटना की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंच गईं. उन्होंने तत्काल प्रभाव से हाईकोर्ट की पुरानी और नई दोनों इमारतों को खाली कराना शुरू कर दिया. सुरक्षा एजेंसियों ने पुरानी बिल्डिंग के कर्मचारियों को तुरंत बाहर आने का निर्देश दिया.उस समय कोर्ट परिसर में लगभग 44 जज, 15 से 20 हजार वकील और अन्य स्टाफ व क्लाइंट्स मिलाकर कुल 30 से 35 हजार लोग मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया. वकीलों ने बताया कि जैसे ही उन्हें बम की जानकारी मिली, सभी लोग तेजी से कोर्टरूम से बाहर की ओर भागे.
मौके पर डॉग स्क्वायड और बम डिस्पोजल स्क्वाड की टीमें मौजूद हैं, जो पूरे कोर्ट परिसर की सघन तलाशी ले रही हैं.दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस धमकी भरे ईमेल के स्रोत का पता लगाने में जुटी है. प्रारंभिक जांच में संदेह है कि यह ईमेल किसी वीपीएन के जरिए भेजा गया हो सकता है, जैसा कि पहले की कई फर्जी धमकियों में देखा गया है.
धमकी भरे ईमेल में पाकिस्तान और तमिलनाडु की मिलीभगत का दावा करते हुए 1998 के पटना बम धमाकों जैसी साजिश का भी जिक्र किया गया है.[ हालांकि, अब तक पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है. पुलिस का मानना है कि यह ईमेल भी पहले की धमकियों से मिलता-जुलता हो सकता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा रहा है. अदालत दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर दोबारा बैठेगी.
गौरतलब है कि दिल्ली में हाल के महीनों में स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों को बम की धमकी वाले ईमेल मिलने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो अक्सर फर्जी साबित हुई हैं. हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री सचिवालय, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और यूसीएमएस को भी इसी तरह के धमकी भरे ईमेल मिले थे.
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