देहरादून/लैंसडाउन, 10 सितंबर:
उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर में अपने दो दिवसीय भ्रमण के दौरान वार मेमोरियल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने गढ़वाल राइफल्स के म्यूजियम का अवलोकन किया और वहां प्रदर्शित वीर सैनिकों के शौर्य एवं बलिदान की गाथाओं को नमन किया।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, जो स्वयं 1976 में सेना में भर्ती हुए थे, अपनी पुरानी यादों को ताजा करने के लिए 14वीं गढ़वाल राइफल्स की डेल्टा कंपनी के बैरिक और मैस का भी दौरा किया। यहां उन्होंने जवानों के साथ भोजन किया और बैरिक जाकर सैन्य अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड कक्ष का निरीक्षण भी किया, जहां अपना नाम देखकर उनकी पुरानी सैन्य सेवाओं की यादें ताजा हो गईं। इसके अलावा, उन्होंने हथियारों के प्रशिक्षण केंद्र का भी अवलोकन किया और एके-47 से गोली चलाकर अपने सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने भुल्ली सशक्तिकरण केंद्र का भी दौरा किया, जहां सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के परिवार द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का अवलोकन किया। इसी क्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कोटद्वार में सूबेदार मेजर शैलेंद्र मोहन बिष्ट से भी भेंट की। इस दौरान उन्होंने कोटद्वार स्थित छावनी परिषद का भी अवलोकन किया और परिषद से जुड़ी व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इस अवसर पर कहा कि उन्होंने 13 नवंबर 1976 को एक राइफलमैन के रूप में भारतीय सेना में यहीं से ज्वाइन किया था। उन्होंने कहा कि गढ़वाल राइफल्स का इतिहास शौर्य, पराक्रम और अनुशासन का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सदैव से देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से ओत-प्रोत रही है। यहां के वीर सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और बलिदान से देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने दोहराया कि प्रदेश सरकार सैनिकों, शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मंत्री ने उपस्थित सैन्य अधिकारियों का आभार जताते हुए कहा कि शौर्यभूमि लैंसडाउन का हर पत्थर गढ़वाल राइफल्स की गौरवशाली परंपरा की गाथा कहता है।
इस निरीक्षण के दौरान गढ़वाल राइफल रेजिमेंट सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, डेल्टा कंपनी के कंपनी कमांडर, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (सेवानिवृत्त) वीपी भट्ट सहित सेना के कई अधिकारी उपस्थित रहे।