शिमला:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कांगड़ा में मंगलवार को प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा देने के बाद, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली पहुंच गए हैं। उनका यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे 11 सितंबर को 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया से तीसरी बार मुलाकात करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के हितों की जोरदार पैरवी करेंगे, ताकि राज्य को वित्त आयोग के तहत उचित और आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके।
चार केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात:
दिल्ली दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री सुक्खू कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। इनमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हैं। इन मुलाकातों का मुख्य उद्देश्य राज्य के लिए अधिक से अधिक बजट लाना है, विशेषकर हाल ही में आई आपदा से उबरने के लिए केंद्र सरकार से एक विशेष पैकेज की मांग करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
राजस्व घाटा अनुदान का मसला:
अपनी पिछली दो बैठकों में मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्त आयोग से अनुरोध किया था कि राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित राजस्व संसाधनों को ध्यान में रखते हुए राजस्व घाटा अनुदान को जारी रखा जाए। उन्होंने आयोग को बताया कि 15वें वित्त आयोग द्वारा इसमें भारी कटौती की गई है, जिसके कारण राज्य को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार, राजस्व घाटा अनुदान में लगातार कटौती हो रही है, जो 2021-22 में 10249 करोड़ रुपये से घटकर 2025-26 में 3257 करोड़ रुपये हो गया है।
ग्रीन बोनस और अन्य मांगें:
मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से ग्रीन बोनस की भी मांग रखी है। यह ग्रीन बोनस राज्य की पर्यावरण अनुकूल नीतियों और पहाड़ी क्षेत्रों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आपदा प्रबंधन और ऋण राहत के लिए विशेष अनुदान की मांग की है। सुक्खू ने स्थानीय निकायों के लिए भी अनुदान बढ़ाने का अनुरोध किया है, ताकि वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से कर सकें और जमीनी स्तर पर विकास सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री सुक्खू 12 सितंबर को दोपहर तक कांगड़ा लौट आएंगे।
ऋण सीमा बढ़ाने और सड़क पुनर्निर्माण पर जोर:
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पिछली ढाई साल में कई बार मुलाकात हो चुकी है। इन मुलाकातों में मुख्यमंत्री ने राज्य की ऋण सीमा को पूर्ववर्ती रखने का मामला उठाया था और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का दो प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था। इस बार भी मुलाकात होने पर मुख्यमंत्री ऋण सीमा के तहत दो प्रतिशत अतिरिक्त प्राप्त करने का मामला उठाएंगे। इसके अतिरिक्त, नितिन गडकरी से आपदा से ध्वस्त हुई सड़कों का पुनर्निर्माण करने के लिए आवश्यक राशि जारी करने का मामला उठाया जाएगा, ताकि राज्य में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।