मंडी। भारत सरकार की एक उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) ने मंगलवार को उत्तराखंड के जनपद बसुकेदार क्षेत्र के अंतर्गत आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थलीय और हवाई निरीक्षण किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा के कारण हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करना और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करना रहा।
टीम के सदस्य सोमवार देर शाम अगस्तमुनि हेलीपैड पहुंचे, जहां जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद, जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय सभागार में टीम को जनपद में आपदा के दौरान परिसंपत्तियों को हुए नुकसान तथा जनहानि से संबंधित आंकड़ों की विस्तृत जानकारी दी।
आज सुबह टीम ने बड़ेथ तक सड़क मार्ग से आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों, प्रशासन एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों से क्षति और पुनर्निर्माण कार्यों के आकलन की जानकारी ली। टीम ने तालजामण, उछोला, स्यूर बांगर सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे भू-धंसाव का हवाई सर्वेक्षण भी किया। बड़ेथ गांव में टीम ने आपदा प्रभावित स्थानीय निवासियों से सीधे बातचीत कर आपदा से हुई क्षति की जानकारी ली।
स्थानीय लोगों ने टीम के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं और उनके निराकरण का अनुरोध किया। आपदा प्रभावितों ने उनके मकानों, फसलों और व्यवसायों सहित विभिन्न परिसंपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने टीम से क्षेत्र में हेलीपैड निर्माण, पुनर्वास, भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने, रोजगार, पुनर्स्थापन और परिस्थिति क्षतिपूर्ति (मुआवजा), स्वास्थ्य सुविधाएं आदि जल्द उपलब्ध कराने की मांग की।
ग्रामीणों ने आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की। साथ ही, उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पुनर्वास कार्यों, प्रभावित परिवारों को दी जा रही सहायता, राशन व चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था तथा सड़क मार्गों को शीघ्र खोलने के प्रयासों की भी सराहना की।
टीम ने स्थलीय निरीक्षण के साथ-साथ हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से प्रभावित क्षेत्रों छैनागाड़, तालजमण, बगड़तोक, जौला, डुंगर भटवाड़ी, स्यूर आदि की स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने बुनियादी ढांचे की क्षति, सड़कों, पुलों, सार्वजनिक भवनों, बिजली एवं जल आपूर्ति लाइनों को हुए नुकसान के आकलन के साथ-साथ कृषि, फसलों, पशुधन और स्थानीय आजीविका के अन्य साधनों को हुए नुकसान का जायजा लिया। टीम ने निरीक्षण के दौरान आपदा के समय की गई भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहायता और अस्थायी आश्रयों की उपलब्धता जैसे राहत बचाव कार्यों की जानकारी भी ली।
अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहे भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. आर. प्रसन्ना ने कहा कि उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना है ताकि भारत सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों की योजना शीघ्र बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के जान-माल को हुए नुकसान की जानकारी स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ली जा रही है। टीम द्वारा किए गए हवाई सर्वेक्षण, स्थलीय निरीक्षण एवं प्रशासन से हुई विस्तृत चर्चा से प्राप्त जानकारी को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी ढांचे की बहाली तथा दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। टीम प्रभावितों के मकान, आजीविका, जमीनों, फसलों आदि परिसंपत्तियों को हुए नुकसान से संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी तथा उसके बाद राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कहा कि यह निरीक्षण आपदा प्रबंधन और प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने लोगों की प्रमुख समस्याओं के निराकरण हेतु किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने इस क्षेत्र की प्रमुख मांग हेलीपैड निर्माण हेतु बड़ेथ के पास मिनी स्टेडियम को हेलीकॉप्टर लैंडिंग हेतु विकसित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने छैनागाड़ में गुमशुदा लोगों की तलाश करने हेतु खोज बचाव कार्यों में तेजी से कार्य करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा आपदा के कारण पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त आवासों के मुआवजे की राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है और प्रभावितों को मुआवजा देने का कार्य निरंतर गतिमान है। उन्होंने स्थानीय लोगों की मांग पर अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में पुनः क्षति का आकलन करने तथा भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने तालजामण तक वैकल्पिक मार्ग बस्टी से सुचारू करने के कार्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीम अपनी सिफारिशों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी, जिस पर सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। टीम का यह दौरा आपदा के बाद पुनर्निर्माण और जनजीवन बहाली सुनिश्चित करने तथा केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का हिस्सा है। जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने मानसून काल के दौरान जनपद में हुई आपदा से क्षति तथा पुनर्वास कार्यों हेतु 1850 करोड़ रुपए का प्रस्ताव समिति के समक्ष रखा है।
टीम का नेतृत्व संयुक्त सचिव भारत सरकार आर. प्रसन्ना ने किया तथा टीम के अन्य सदस्य निदेशक वित्त शैलेश कुमार, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, उपनिदेशक विकास सचान, मोहित पूनिया प्रमुख सलाहकार (ULMMC) उपस्थित रहे। इस दौरान जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रलाद कोंडे, सीडीओ राजेंद्र सिंह रावत, एडीएम श्याम सिंह राणा, एसडीएम उखीमठ भगत सिंह फोनिया, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, खंड विकास अधिकारी अगस्तमुनि प्रवीण भट्ट, अधिशासी अभियंता लोनिवि, सिंचाई सीएमओ डॉ राम प्रकाश सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।