देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में आयोजित जैन समाज सम्मेलन में प्रतिभाग किया और जैन धर्मगुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आचार्य सौरभ सागर मुनि जी महाराज के जीवन को संयम, त्याग और अहिंसा के अद्वितीय आदर्शों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि सौरभांचल तीर्थ और जीवन आशा अस्पताल उनके दूरदर्शी नेतृत्व और करुणा के उदाहरण हैं, जो समाज को धर्म और सेवा के पथ पर अग्रसर कर रहे हैं।
जैन धर्म के सिद्धांतों और सामाजिक एकता पर जोर
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जैन धर्म ने दुनिया को संदेश दिया है कि अहिंसा ही वीरता का धर्म है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जैन समाज ने न केवल अहिंसा का पालन किया है, बल्कि संगठन और सामाजिक एकता का भी एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने समाज की इस एकजुटता और सेवा भाव की सराहना की।
उत्तराखंड के विकास और सुशासन के लिए उठाए गए कदम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने “समान नागरिक संहिता” (Uniform Civil Code) लागू की है। उन्होंने बताया कि इस कानून के लागू होने से प्रदेश में एकरूपता और समानता का भाव बढ़ेगा। इसके साथ ही, उन्होंने नकल विरोधी कानून के बाद से 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में मिली सफलता पर भी खुशी व्यक्त की, जिससे युवाओं में पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
देवभूमि की डेमोग्राफी का संरक्षण और अवैध कब्जों से मुक्ति
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी संरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून लागू किए गए हैं, जो राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को बनाए रखने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया है, जिससे सरकारी संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।
जैन कल्याण बोर्ड के गठन पर विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन कल्याण बोर्ड के गठन के संबंध में प्राप्त सुझाव पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करेगी। यह जैन समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग है, और सरकार का यह आश्वासन समाज में सकारात्मक संदेश देगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जैन समाज आगे भी उत्तराखंड के समग्र विकास में सहयोग देता रहेगा, जिससे राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलेगी।