शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को फिर से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे से प्रारंभ हुई, जिसमें इस अंतिम सप्ताह में प्राकृतिक आपदा का मुद्दा एक बार फिर चर्चा का केंद्र बनेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, जो बिहार प्रवास के बाद सीधे चंबा जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेकर लौटे हैं, सदन में ताजा नुकसान की स्थिति से अवगत कराएंगे। इसके अतिरिक्त, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और विपक्षी भाजपा के विधायक डॉ. जनक राज सहित कई अन्य विधायक भी प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेंगे:
विधानसभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे शुरू होगी, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2025 और हिमाचल प्रदेश (सड़क द्वारा कतिपय माल के वाहन पर) कराधान संशोधन विधेयक 2025 प्रस्तुत करेंगे।
राजस्व मंत्री नेगी लाएंगे रजिस्ट्रीकरण विधेयक:
इसके अलावा, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी रजिस्ट्रीकरण (हिमाचल प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 और हिमाचल प्रदेश लोक उपयोगिताओं के परिवर्तन का प्रतिषेध विधेयक 2025 को पेश करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2025 सदन में लाएंगे।
नियम-130 और 61 के तहत उठेंगे महत्वपूर्ण विषय:
सोमवार की कार्यवाही में नियम-130 के तहत उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया प्रदेश में संसाधन जुटाने के उपायों पर प्रस्ताव रखेंगे। यह प्रस्ताव पहले भी कार्यसूची में शामिल रहा है, लेकिन चर्चा नहीं हो पाई थी। इसके अलावा, विधायक सतपाल सिंह सत्ती और त्रिलोक जम्वाल कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे। अवैध खनन, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और पर्यावरणीय असंतुलन जैसे विषयों पर भी गंभीर चर्चा की संभावना है। नियम-61 के तहत विधायक सुखराम चौधरी और आशीष शर्मा क्षेत्रीय मामलों को सदन के सामने रखेंगे।
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