फाजिल्का: जिले के सरहदी इलाकों में सतलुज नदी के उफान और लगातार हो रही बारिश ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें चरम पर हैं। पिछले 72 घंटों में भारतीय सेना और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों ने 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाया है, लेकिन इसके बावजूद कई गांवों में बाढ़ का संकट गहराया हुआ है और हालात जस के तस बने हुए हैं।
हुसैनीवाला हेडवर्क्स से पानी का लगातार बहाव
हुसैनीवाला हेडवर्क्स से इस समय करीब 2 लाख 62 हजार क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम में छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते निचले इलाकों में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। तीन दिनों से लगातार जारी बरसात ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। मौसम विभाग ने शनिवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे आगे भी चुनौतियों के बने रहने की आशंका है।
राहत और बचाव कार्य तेज
जिला प्रशासन के निर्देश पर राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है। नावों के जरिए गांवों तक भोजन और जरूरी सामग्री पहुंचाई जा रही है। प्रशासनिक टीमों का कहना है कि पानी से घिरे गांवों में कोई भी परिवार भूखा न रहे, इसके लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही मेडिकल टीमों को भी राहत केंद्रों में तैनात किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
बढ़ती मुश्किलें: सड़कें टूटीं, नए इलाकों में भी पानी
बाढ़ के कारण विभिन्न गांवों को जोड़ने वाली सड़कें जगह-जगह से टूट चुकी हैं, जिससे कई इलाकों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है। जिन सड़कों पर अब तक पानी नहीं भरा था, वहां भी पानी भरना शुरू हो गया है। गांव तेजा रुहेला के किसान फौजा सिंह ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि उनकी फसल तो पानी से पहले ही बर्बाद हो चुकी थी, लेकिन अभी तक उनके घर और सड़क सुरक्षित थे। अब उनके घर के आसपास और सड़क पर भी पानी भर गया है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
फाजिल्का में बाढ़ की यह स्थिति एक गंभीर मानवीय संकट पैदा कर रही है, जिसके लिए सरकार और विभिन्न एजेंसियों को मिलकर युद्ध स्तर पर काम करने की आवश्यकता है ताकि प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान की जा सके और स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
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