अजनाला: कुदरत का कहर अजनाला विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ के पानी के रूप में ऐसा आया है कि सब कुछ तबाह हो गया है। रमदास सेक्टर के 45 गांवों में रात को सोये लोग सुबह पानी से घिरे पाए गए। वर्षों की मेहनत से बने घर पानी में डूब गए हैं और गांवों में सात-सात फीट तक पानी भर गया है। सामान के साथ-साथ पाले हुए पशु भी बह गए हैं। पिछले 84 घंटे से लोग अपनी छतों पर जीवन बसर कर रहे हैं और पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। घरों की टंकियों में भरे पानी से किसी तरह प्यास बुझाई जा रही है और बचे हुए राशन से जीवन चल रहा है।
रावी का बढ़ता जलस्तर, 37 साल बाद ऐसी तबाही
रावी दरिया का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। रावी दरिया पर बने तटबंधों के टूटने से रमदास सेक्टर के बॉर्डर से 24 किलोमीटर अंदर तक पानी घुस आया है, जिससे 45 गांव पानी-पानी हो गए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, 37 साल बाद ऐसी भीषण तबाही का मंजर देखने को मिला है। इससे पहले 1988 में ऐसे हालात बने थे, यही वजह है कि लोग इसके लिए तैयार नहीं थे।
प्रशासनिक अलर्ट और तेजी से बिगड़ते हालात
25 अगस्त को पानी चढ़ना शुरू हुआ तो प्रशासनिक सिस्टम अलर्ट हो गया, लेकिन इससे पहले कुछ कर पाते, पानी का बहाव इतना तेज हुआ कि गांवों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। जिन 14 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया था, रात होते-होते उनमें पानी घुस आया और पांच से सात फीट तक पानी भर गया। ऐसे में ग्रामीणों के लिए सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना भी मुश्किल हो गया।
राहत कार्यों में चुनौतियां, बीमारियों का खतरा
राहत पहुंचाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन बॉर्डर पर कई गांव ऐसे हैं जहां राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। अजनाला हलके में बाढ़ के पानी की वजह से हालात गंभीर हैं। इन 45 गांवों में फंसे 60 से 70 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। लोग छतों पर तिरपाल के सहारे जीवन बसर कर रहे हैं, और जिनके पास तिरपाल नहीं है, वे खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। रात भर मच्छरों के काटने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
गांव नंगल सोहली के सुखविंदर, साहिब जीत और जसपाल सिंह ने बताया कि गांव में छह से सात फुट तक पानी भरा हुआ है। ऊंचे घरों में लोग टेंट या तिरपाल लगाकर रह रहे हैं। उनका सामान और पशु बह गए हैं, और राशन में भी नाममात्र का बचा है।
अजनाला शहर पर भी खतरा
वीरवार को पानी गग्गो माहल में दाखिल हो गया और शुक्रवार को पानी उससे आगे बढ़ गया। अजनाला सिटी के लोगों में भय है कि अगर बहाव कम न हुआ तो उचित अजनाला भी पानी की चपेट में आ जाएगा। फिलहाल पानी अभी सात से आठ किलोमीटर दूरी पर है, लेकिन अगर स्थिति नहीं सुधरी तो अजनाला शहर को भी बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर इस भीषण आपदा से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने की आवश्यकता है।