US: ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले पर अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने उठाए सवाल – The Hill News

US: ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले पर अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने उठाए सवाल

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का अब उनके अपने देश में ही कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। डेमोक्रेट्स के अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति ने राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन की भारत को नुकसान पहुंचाने की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उनका तर्क है कि यह कदम न केवल अमेरिकियों को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि पिछले दो दशकों में भारत और अमेरिका के बीच विकसित हुए मजबूत संबंधों को भी कमजोर कर रहा है।

डेमोक्रेट्स सांसदों की इस समिति ने विशेष रूप से रूसी तेल खरीद के मुद्दे पर भारत को निशाना बनाने के फैसले को गलत ठहराया है। सांसदों का कहना है कि एक तरफ भारत के साथ रिश्तों में सुधार आ रहा था, तब उस पर टैरिफ लगाया गया, वहीं दूसरी ओर चीन, जो रूस के सबसे बड़े कच्चे तेल निर्यातकों में से एक है, पर ऐसा कोई दंड नहीं लगाया गया है। यह दोहरी नीति अमेरिकी विदेश नीति की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है।

डेमोक्रेट्स ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीय आयात पर ट्रंप द्वारा लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ ‘अमेरिकियों को नुकसान’ पहुंचा रहा है। इस कदम से अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यवसायों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि भारतीय वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। समिति ने यह भी रेखांकित किया कि इस फैसले से अमेरिका-भारत संबंधों में जो प्रगति हुई थी, उसे “बड़ा नुकसान पहुंचा है”।

डेमोक्रेटिक पैनल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान में कहा, “चीन या अन्य देशों द्वारा बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगाने के बजाय, ट्रंप टैरिफ लगाकर भारत को निशाना बना रहे हैं, जिससे अमेरिकियों को नुकसान पहुंच रहा है और इस प्रक्रिया में अमेरिका-भारत संबंध खराब हो रहे हैं।” यह बयान अमेरिकी प्रशासन की नीतियों में असंगति को उजागर करता है, जहां भारत जैसे रणनीतिक साझेदार को अलग तरीके से देखा जा रहा है।

पैनल ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अगर ट्रंप प्रशासन रूसी तेल खरीदने वाले किसी भी देश पर द्वितीयक प्रतिबंधों की धमकी को लागू करने का विकल्प चुनता, तो बात अलग होती। लेकिन सिर्फ भारत पर कार्रवाई करना गलत है।यह दर्शाता है कि डेमोक्रेट्स का मानना है कि यह नीतिगत निर्णय निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। समिति ने इस फैसले को “शायद सबसे भ्रामक नीतिगत रणनीति” के रूप में वर्णित किया है, जो अमेरिकी हितों को साधने के बजाय उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है।

कुल मिलाकर, अमेरिकी डेमोक्रेट्स का यह विरोध ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों पर बढ़ते घरेलू दबाव को दर्शाता है, खासकर जब वे महत्वपूर्ण सहयोगियों जैसे भारत के साथ संबंधों को प्रभावित करती हैं। इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है, जिसे सुलझाने के लिए बातचीत के रास्ते खुले होने की भी खबरें हैं।

 

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