कोटद्वार। नजीबाबाद-बुवाखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर सतपुली-गुमखाल के मध्य सड़क चौड़ीकरण कार्य में जुटे नेपाली श्रमिकों के डेरे पर एक बार फिर गुलदार ने हमला करने का प्रयास किया, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। बीती देर रात गुलदार ने टेंट के भीतर अपने मां-पिता के बीच सो रहे एक नौ साल के बच्चे को खींचने की कोशिश की।
इस भयावह घटना में, टेंट के भीतर पिता अपने बेटे को कसकर दबोचे रहा, जबकि टेंट के बाहर से गुलदार बच्चे को खींचने का लगातार प्रयास कर रहा था। गुलदार के इस हमले में बच्चे के हाथ पर चोट आई है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब दो दिन पूर्व ही सतपुली मल्ली के समीप वन विभाग के विश्राम गृह से करीब आधा किलोमीटर पहले गुलदार एक अन्य नेपाली श्रमिकों के डेरे से तीन साल के विवेक ठाकुर पुत्र रमेश को उठा ले गया था। अगले दिन विवेक का अधखाया शव डेरे से करीब दो सौ मीटर दूर बरामद हुआ था। इस दुखद घटना के बाद उस नेपाली श्रमिकों के डेरे को अन्यत्र, पूर्व के स्थान से करीब दो किलोमीटर आगे गुमखाल की तरफ, शिफ्ट कर दिया गया था।
दो दिन बाद फिर से किया हमला
पूर्व में हुई हृदय विदारक घटना को अभी लोग भूले भी न थे कि बीती रात गुलदार ने फिर से श्रमिकों के डेरे पर हमला कर दिया। रात्रि करीब 11:30 बजे गुलदार एक नेपाली श्रमिक के डेरे के पास पहुंचा और टेंट के बाहर से ही डेरे के भीतर सो रहे नौ साल के लड़के का हाथ दबोचकर उसे बाहर खींचने का प्रयास किया। लड़के के शोर मचाने पर उसके माता-पिता सहित अन्य टेंटों में रह रहे लोग जाग गए और अपने टेंटों से बाहर निकल आए।
उधर, टेंट के भीतर लड़के के पिता ने उसे कसकर दबोचे रखा, जिस कारण गुलदार लड़के को खींचने में कामयाब नहीं हो पाया। शोरगुल बढ़ने पर कुछ देर बाद गुलदार लड़के को छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया। सुबह होने पर घायल लड़के को उपचार के लिए सतपुली अस्पताल ले जाया गया है। वन विभाग की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई है और मामले की जांच कर रही है।
आबादी के आसपास घूम रहा गुलदार, ग्रामीणों की चिंता बढ़ी
दो दिन पूर्व सतपुली मल्ली के निकट मासूम को अपना निवाला बनाने वाला गुलदार अब तक पिंजरे में कैद नहीं हो पाया है। गुलदार को सतपुली बाजार, रेतपुर और दंगलेश्वर महादेव के आसपास घूमता हुआ देखा जा रहा है। हालांकि, गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने घटनास्थल के साथ ही आसपास के क्षेत्र में पिंजरे और चार ट्रैप कैमरे भी लगाए हुए हैं, लेकिन आबादी के आसपास गुलदार की बढ़ती धमक ने ग्रामीणों की चिंता काफी बढ़ा दी है। लोग अपने बच्चों और पशुओं की सुरक्षा को लेकर भयभीत हैं और वन विभाग से जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने की अपील कर रहे हैं।