Himachal: प्रदेश में भूस्खलन और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सैकड़ों सड़कें ठप, अब तक 274 की मौत – The Hill News

Himachal: प्रदेश में भूस्खलन और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सैकड़ों सड़कें ठप, अब तक 274 की मौत

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रहे भूस्खलन और बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। मौसम खुलने के बावजूद लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 339 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा, 132 बिजली ट्रांसफार्मर और 141 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप है। मंडी जिले में सबसे अधिक 165 और कुल्लू में 123 सड़कें बाधित हैं।

ऊना में त्रासदी और स्कूलों में जलभराव:
ऊना जिले की उप तहसील जोल के ग्राम पंचायत टकोली के बेहला गांव में गुरुवार रात को भारी बारिश से रविंद्र सिंह की गोशाला ध्वस्त हो गई। मलबे में दबी एक भैंस को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं, उपमंडल अंब के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टकारला में भारी बारिश के कारण अभी भी जलभराव की समस्या बनी हुई है। बच्चे पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल में 181 बच्चे और 17 स्टाफ सदस्य कार्यरत हैं, लेकिन तीन दिनों से कोई प्रशासनिक अधिकारी स्थिति का जायजा लेने नहीं पहुंचा है।

मौसम का पूर्वानुमान और येलो अलर्ट:
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में 28 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है। 22 और 28 अगस्त को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि 23 से 27 अगस्त तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। 22 से 28 अगस्त तक कई भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, सुबह जारी बुलेटिन में चार दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया था। अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद अगले 3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। बीते 24 घंटों में मनाली, कुफरी, बजौरा सहित कई इलाकों में बारिश दर्ज की गई।

मानसून का कहर: 287 लोगों की जान गई, भारी नुकसान:
इस मानसून सीजन (20 जून से 21 अगस्त तक) में प्रदेश में अब तक 287 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 346 लोग घायल हुए हैं और 38 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान सड़क हादसों में 138 लोगों की मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 3,267 कच्चे-पक्के घरों और दुकानों को क्षति पहुंची है। 2,597 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं और 1,806 पालतू पशुओं की मौत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 2,28,226.86 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

भूस्खलन का सिलसिला जारी:
मौसम खुलने के बावजूद जिला कुल्लू में भूस्खलन का क्रम जारी है। शुक्रवार सुबह बंजार बस अड्डे के पास हाईवे-305 पर पहाड़ी से भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में एक खोखा भी आ गया। गनीमत रही कि राहगीर और दुकानें बाल-बाल बच गईं। इसी तरह, धर्मशाला-खनियारा मुख्य मार्ग पर चरान खड्ड के समीप पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है, जहां एक बड़ी चट्टान खिसक कर बीच में अटकी हुई है, जिससे बड़ा खतरा बना हुआ है।

मणिमहेश यात्रा पर बुजुर्ग श्रद्धालुओं की राहत:
मौसम साफ होते ही दूसरे दिन 70 से 85 वर्ष आयु वर्ग के बुजुर्ग श्रद्धालुओं ने हेली टैक्सी के जरिए होली से गौरीकुंड के लिए मणिमहेश यात्रा की। पहली बार चौपर से यात्रा करने वाले बुजुर्ग काफी उत्साहित दिखे, क्योंकि इस आयु में दुर्गम पैदल यात्रा करना उनके लिए मुश्किल था।

 

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