शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को कर्मचारियों और अधिकारियों के लंबित महंगाई भत्ते (डीए) को लेकर जोरदार बहस और हंगामा देखने को मिला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति के कारण डीए जारी करने में विलंब हो रहा है, लेकिन जैसे ही वित्तीय हालात सुधरेंगे, लंबित डीए निश्चित रूप से जारी किया जाएगा।
वहीं, विपक्ष ने मुख्यमंत्री द्वारा बजट सत्र में मई माह में डीए जारी करने की घोषणा पर सवाल उठाए और सरकार पर कर्मचारियों के साथ किए गए वादों से मुकरने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती और विधायक विक्रम ठाकुर ने लगातार सरकार पर निशाना साधा। विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
सतपाल सत्ती ने प्रश्नकाल में उठाया मामला
भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए मूल सवाल पूछा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जुलाई 2023 से जनवरी 2024 तक तीन किश्तों में कुल 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता लंबित है। उन्होंने सरकार से यह जानना चाहा कि लंबित डीए कब तक जारी किया जाएगा।
सीएम बोले- ओपीएस के कारण केंद्र से अनुदान घटा
इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि डीए देना सरकार का दायित्व है, लेकिन वर्तमान में प्रदेश की माली हालत ऐसी नहीं कि इसे तत्काल प्रभाव से दिया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू होने के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाली अनुदान राशि कम हो गई है, जिससे वित्तीय संकट गहरा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व सरकार के समय 10 हजार करोड़ रुपये तक मिलने वाली राजस्व घाटा अनुदान (Revenue Deficit Grant) घटकर अब 3200 करोड़ रुपये रह गई है। इस कारण डीए जारी करने में देरी हो रही है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही डीए की किश्तें दी जाएंगी।
सीएम की सूचना गुमराह करने वाली: बिक्रम ठाकुर
भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के इस साल के बजट भाषण में मई माह में डीए जारी करने के वादे को लेकर सवाल उठाया और सदन में मुख्यमंत्री द्वारा दी गई सूचना को ‘गुमराह करने वाला’ बताया।
जयराम बोले, कर्मचारियों के कारण सत्ता में आई कांग्रेस, मांगें पूरी करे
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा कि कर्मचारियों की नाराजगी के कारण ही कांग्रेस सत्ता में आई है, इसलिए सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह कर्मचारियों की मांगें पूरी करे। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार अपने कर्मचारियों के प्रति वफादार है और कब तक लंबित डीए जारी किया जाएगा।
सुक्खू बोले, पूर्व सरकार का लंबित डीए हमने दिया
मुख्यमंत्री सुक्खू ने जवाब में कहा कि कर्मचारियों के समर्थन से ही वे सत्ता में आए हैं और पूर्व सरकार के लंबित डीए की किश्तें उनकी सरकार ने जारी की हैं। उन्होंने दोहराया कि ओपीएस लागू करने से केंद्र से मिलने वाले 4800 करोड़ रुपये की ग्रांट नहीं मिल पाई है, जिससे वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि डीए का भुगतान चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है और जल्द ही पूरा किया जाएगा।
सीएम के बयान के बाद बिफरा विपक्ष, वॉकआउट
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर के कई बार अनुरोध के बावजूद विपक्ष ने हंगामा बंद नहीं किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। स्पीकर ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्तीय स्थिति बेहतर होने पर डीए जारी कर दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी जारी रही और विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गए। हालांकि, इसके बाद भी प्रश्नकाल जारी रहा और सदन की कार्यवाही को पुनः सुचारू किया गया।
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