Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विधेयक संयुक्त संसदीय समिति को भेजे गए, विपक्ष का भारी हंगामा – The Hill News

Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विधेयक संयुक्त संसदीय समिति को भेजे गए, विपक्ष का भारी हंगामा

नई दिल्ली। बुधवार, 20 अगस्त 2025 का दिन संसद में, विशेषकर लोकसभा में, भारी गहमागहमी और नाटकीय घटनाक्रमों से भरा रहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन महत्वपूर्ण विधेयकों – संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025; केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025; और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने का प्रस्ताव लोकसभा से पारित हो गया। विपक्ष के भारी विरोध और हंगामे के बीच यह निर्णय लिया गया।

दिन की शुरुआत 12:17 बजे हुई, जब लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा गया था, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी या हिरासत में लिए जाने पर उनके पद से हटाने से संबंधित विधेयक पेश करने वाले थे।

दोपहर 02:02 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहुचर्चित तीनों विधेयक सदन के पटल पर रखे। इन विधेयकों का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को किसी गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है, तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। विपक्ष ने इन विधेयकों का पुरजोर विरोध किया।

विधेयकों के पेश होते ही विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर नैतिक आधार पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी?” इस पर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा, “मुझ पर जब आरोप लगे थे, तो मैंने गिरफ्तारी से पहले नैतिक रूप से इस्तीफा दिया था। कोर्ट से निर्दोष साबित न होने तक मैंने कोई सांविधानिक पद नहीं लिया था।”

बढ़ते हंगामे के बीच, दोपहर 02:15 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं तीनों विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश की। इस दौरान विपक्ष का हंगामा और तेज हो गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान, कुछ विपक्षी सांसदों ने बिल की प्रतियां फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री की ओर फेंकीं, जिसके बाद सदन में स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

थोड़ी देर बाद, दोपहर 02:17 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई। स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों को कड़ी फटकार लगाई और सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। अंततः, दोपहर 03:03 बजे, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का प्रस्ताव लोकसभा से ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

इस बीच, राज्यसभा में भी कार्यवाही जारी रही, जहां केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम से जुड़ा एक विधेयक पेश किया। हालांकि, दिन का मुख्य आकर्षण लोकसभा में गृह मंत्री द्वारा लाए गए विधेयक और उन पर हुई राजनीतिक गहमागहमी रही, जो संसदीय कार्यवाही के इस सत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संयुक्त संसदीय समिति इन विधेयकों पर किस तरह आगे बढ़ती है और भविष्य में इनका स्वरूप क्या होता है।

 

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