गैरसैंण (भराड़ीसैंण)। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का शुभारंभ हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने पौधा रोपण कर इस मुहिम को गति प्रदान की।इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने अपनी माता बिशना देवी के नाम पर देवदार का पौधा रोपा। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण और अपनी माँ के प्रति सम्मान व्यक्त करने की एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में हरियाली को बढ़ावा देना और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के साथ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सौरभ बहुगुणा, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव आर.के सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ और प्रमुख वन संरक्षक हॉफ समीर सिन्हा ने भी अपनी माताओं के नाम पर एक-एक पौधा रोपा। इस सामूहिक वृक्षारोपण ने इस अभियान की महत्ता को और भी बल दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को पर्यावरण संरक्षण, जलवायु संतुलन और भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह हमें अपनी माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अवसर भी प्रदान करता है, जो हमें जन्म देने के साथ-साथ हमारा पालन-पोषण भी करती हैं।
यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “एक पेड़ माँ के नाम” मुहिम का हिस्सा है, जिसे पूरे देश में उत्साहपूर्वक चलाया जा रहा है। उत्तराखंड में इस अभियान को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरे-भरे जंगलों के लिए जाना जाता है। इस अभियान के माध्यम से प्रदेश की हरियाली को और भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
पर्यावरणविदों ने भी सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इस तरह के अभियानों से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह लोगों में पेड़ों के महत्त्व के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा। विशेषकर हिमालयी क्षेत्रों में वृक्षारोपण का महत्त्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यहां के जंगल पूरे उत्तर भारत के पर्यावरण को संतुलित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन अभियान का रूप ले रहा है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोग इस अभियान से जुड़कर अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगा रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे रहे हैं। यह अभियान इस बात का प्रतीक है कि यदि सरकार और नागरिक मिलकर प्रयास करें, तो किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। गैरसैंण से शुरू हुई यह पहल निश्चित रूप से पूरे प्रदेश में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी और उत्तराखंड को और भी हरा-भरा बनाने में सफल होगी।
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