शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के कनलोग क्षेत्र में 76वें राज्य-स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देवदार का एक पौधा भी रोपा और प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ का भी शुभारंभ किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग ले रहे मंत्रियों और विधायकों के साथ बातचीत की और वन संरक्षण तथा वनीकरण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
2030 तक 30% वन क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव हमें वनों के महत्व की याद दिलाता है, जिन्हें अक्सर ‘पृथ्वी की जीवन रेखा’ कहा जाता है। उन्होंने घोषणा की कि इस वर्ष विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग नौ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा और इनमें से 60 प्रतिशत पौधे फलदार होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा और उसे समृद्ध करने के लिए काम कर रही है। इन प्रयासों से 2030 तक वन आवरण को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ से मजबूत होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ न केवल वन विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि इसमें जन-भागीदारी को बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। इस योजना के तहत, महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और संयुक्त वन समितियों को एक से पांच हेक्टेयर तक की निर्धारित वन भूमि पर पांच वर्षों के लिए पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का जिम्मा सौंपा जाएगा। इस उद्देश्य के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की लागत से 1,000 से 1,500 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, पौधों के रखरखाव के लिए प्रति हेक्टेयर 1.2 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की जा रही है।
व्यवस्था परिवर्तन और वित्तीय अनुशासन पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के लिए वित्तीय अनुशासन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और वन विभाग के कामकाज में विभिन्न सुधार ला रही है। अधिकारियों को कार्यालयी दिनचर्या के बजाय वन विस्तार और संरक्षण से संबंधित क्षेत्रीय कार्यों को अधिक समय देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसी योजनाएं लागू कर रही है जो ग्रामीण समुदायों को उनके घरों के पास स्वरोजगार के अवसर प्रदान करती हैं, जिससे उनकी आजीविका मजबूत हो। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में वर्तमान राज्य सरकार की पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ के तहत वृक्षारोपण के लिए विभिन्न महिला मंडलों को एक-एक लाख रुपये के चेक भी प्रदान किए। इसके अलावा, JICA परियोजना के तहत लाभार्थियों को आजीविका के लिए 50-50 हजार रुपये के चेक भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत और प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय सूद ने विभिन्न वन विकास गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर विधायक हरीश जनारथा और सुरेश कुमार, महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, आईटी और शासन) गोकुल बुटेल, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन, स्थानीय पार्षद आलोक सिंह पठानिया और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।