Punjab: पंजाब में बसों का चक्का जाम, परिवहन सचिव से वार्ता विफल, अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू – The Hill News

Punjab: पंजाब में बसों का चक्का जाम, परिवहन सचिव से वार्ता विफल, अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

फरीदकोट/चंडीगढ़। पंजाब में गुरुवार को हजारों सरकारी बसों के पहिए थम गए, जिससे राज्य भर के लाखों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के अनुबंधित कर्मचारियों की यूनियन द्वारा अपनी मांगों को लेकर 14 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है। यह फैसला बुधवार को परिवहन विभाग के सचिव के साथ हुई बैठक के बेनतीजा रहने के बाद लिया गया।

क्या हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें?

यूनियन के जिलाध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने बताया कि कर्मचारी लंबे समय से सरकार के सामने तीन मुख्य मांगें रख रहे हैं। इनमें पहली और सबसे प्रमुख मांग किलोमीटर आधारित बस स्कीम को तुरंत बंद करना है। दूसरी मांग सभी अस्थायी और अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित (पक्का) करना है, और तीसरी मांग ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करना है। यूनियन का आरोप है कि ये मांगें राज्य की परिवहन व्यवस्था और कर्मचारियों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सरकार लगातार इन्हें नजरअंदाज कर रही है।

सरकार पर टालमटोल का आरोप

रेशम सिंह गिल ने सरकार पर टालमटोल की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “पिछले साढ़े तीन साल से सरकार हर बार बैठक बुलाकर हमें आश्वासन देती है, लेकिन जमीन पर कुछ भी लागू नहीं करती।” उन्होंने बताया कि 9 जुलाई को परिवहन मंत्री के साथ हुई बैठक में मांगों पर सहमति बनी थी और मंत्री ने 16 जुलाई तक किलोमीटर स्कीम को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ।

इस गुस्से को और भड़काने का काम पनबस के कर्मचारियों को इस महीने वेतन न मिलने ने किया। यूनियन के अनुसार, ठेकेदार न होने के कारण कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन नहीं मिला है, जिसके चलते उन्हें राखी का त्योहार भी बिना पैसों के मनाना पड़ा।

हड़ताल से भारी नुकसान, जनता परेशान

गुरुवार को शुरू हुई इस हड़ताल का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ है और निजी वाहन चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। वहीं, इस हड़ताल से परिवहन विभाग को भी भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। अकेले फरीदकोट के पीआरटीसी डिपो में 110 बसें बंद रहने से विभाग को रोजाना करीब 20 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।

स्वतंत्रता दिवस पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी

यूनियन ने अपने संघर्ष को और तेज करने की चेतावनी दी है। घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान जहां भी मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री या अन्य कैबिनेट मंत्री ध्वजारोहण के लिए पहुंचेंगे, वहां कर्मचारी काले चोले पहनकर और काली झंडियों के साथ उनका विरोध करेंगे और उनसे सवाल पूछेंगे।

इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जहां राज्य में परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है, वहीं सरकार और कर्मचारी यूनियनों के बीच टकराव बढ़ने से फिलहाल इस समस्या का कोई तत्काल समाधान नजर नहीं आ रहा है।

 

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