US:  50% टैरिफ लगाया, युद्धविराम का श्रेय न मिलने से थे नाराज ट्रंप – The Hill News

US:  50% टैरिफ लगाया, युद्धविराम का श्रेय न मिलने से थे नाराज ट्रंप

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ एक बड़ा दंडात्मक कदम उठाते हुए भारतीय सामानों पर 50 फीसदी का भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है। इस फैसले के पीछे ट्रंप की गहरी नाराजगी बताई जा रही है, जिसकी मुख्य वजह भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम में उनकी भूमिका को सिरे से नकारना और ब्रिक्स जैसे संगठनों में भारत की स्वतंत्र भागीदारी है।

यह खुलासा पूर्व भारतीय राजदूत और प्रसिद्ध लेखक विकास स्वरूप ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में किया। उन्होंने बताया कि ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई भारत पर दबाव बनाने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। स्वरूप के अनुसार, ट्रंप भारत से दो प्रमुख कारणों से खफा हैं। पहला, भारत की ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) में सक्रिय सदस्यता। ट्रंप प्रशासन ब्रिक्स को एक अमेरिका-विरोधी गठबंधन के रूप में देखता है, जो कथित तौर पर अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए एक नई वैश्विक मुद्रा बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ट्रंप चाहते थे कि भारत इस संगठन से दूरी बना ले, लेकिन भारत ने अपने स्वतंत्र विदेश नीति के रुख पर कायम रहते हुए अमेरिकी दबाव को खारिज कर दिया।

ट्रंप की नाराजगी का दूसरा और तात्कालिक कारण मई में हुआ भारत-पाकिस्तान युद्धविराम है। ट्रंप ने कम से कम 30 बार सार्वजनिक रूप से यह दावा किया था कि उन्होंने दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों को एक बड़े युद्ध से बचाया और यह शांति समझौता उनकी मध्यस्थता से ही संभव हुआ। स्वरूप के अनुसार, पाकिस्तान ने न केवल ट्रंप के इस दावे का समर्थन किया, बल्कि उन्हें इस “उपलब्धि” के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी कर दिया। इसके ठीक विपरीत, भारत ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप की भूमिका को पूरी तरह से खारिज कर दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि यह युद्धविराम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था, जो पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम की गुहार लगाने के बाद संभव हुआ। भारत के इस सार्वजनिक खंडन ने ट्रंप को बुरी तरह नाराज कर दिया।

विकास स्वरूप ने यह भी बताया कि ट्रंप की यह दबाव की रणनीति सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी यूक्रेन युद्धविराम की शर्तों को न मानने के कारण खीझे हुए हैं। इस सिलसिले में ट्रंप और पुतिन के बीच शुक्रवार (15 अगस्त) को अलास्का में एक अहम मुलाकात भी होने वाली है, जिस पर यूक्रेन और उसके सहयोगी देश चिंता के साथ नजर बनाए हुए हैं।

पूर्व राजदूत ने भारत के दृढ़ रुख की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने साबित कर दिया है कि वह किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इन टैरिफ का सीधा असर अमेरिका पर ही पड़ेगा और वहां महंगाई बढ़ेगी, जिसका खामियाजा अमेरिकी जनता को भुगतना पड़ेगा। स्वरूप ने भारत-अमेरिका संबंधों को रणनीतिक और अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों को पूरी तरह “पैसे का खेल” करार दिया।

 

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