चंडीगढ़। पहाड़ी क्षेत्रों में हाल ही में हुई भारी बारिश के मद्देनजर, पंजाब के जल संसाधन मंत्री वरिंदर कुमार गोयल ने आज कहा कि राज्य किसी भी तरह की बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी जिला-स्तरीय कंट्रोल रूम पूरी तरह से चालू हैं और आपातकालीन सहायता के लिए जनता की पहुंच में हैं।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में हर संभावित परिदृश्य से निपटने के लिए मजबूत बाढ़ शमन उपाय और व्यापक तैयारी प्रोटोकॉल लागू किए हैं। पूरे राज्य में बाढ़ सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है।
निगरानी और तैयारी
मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य भर में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं, आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें अलर्ट पर हैं और संवेदनशील बाढ़ क्षेत्रों में नदियों और जल निकासी प्रणालियों की लगातार वास्तविक समय में निगरानी की जा रही है। त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उन्नत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली और पूर्व चेतावनी तंत्र भी तैनात किए गए हैं। तत्काल समन्वय के लिए जिला-वार कंट्रोल रूम जूनियर इंजीनियर-स्तर के अधिकारियों की देखरेख में काम कर रहे हैं। मंत्री ने रोपड़, गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और मोहाली समेत सभी जिलों के लिए कंट्रोल रूम नंबर भी जारी किए, ताकि आपात स्थिति में लोग तत्काल सहायता प्राप्त कर सकें।
बांधों में जल स्तर सुरक्षित
जलाशयों के जल स्तर के बारे में जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रमुख बांधों में मौजूदा जल स्तर सुरक्षित मापदंडों के भीतर है। भाखड़ा बांध का जल स्तर 1680 फीट की अधिकतम क्षमता के मुकाबले 1637.40 फीट, पोंग बांध का 1390 फीट की क्षमता के मुकाबले 1373.08 फीट और रणजीत सागर बांध का 1731.55 फीट की क्षमता के मुकाबले 1694.64 फीट है।
जमीनी स्तर पर किए गए व्यापक प्रबंध
उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग ने व्यापक बाढ़ शमन रणनीतियों को क्रियान्वित किया है। इसके तहत 4,766 किलोमीटर नालों और जलमार्गों की गाद निकाली गई और सफाई की गई है, तटबंधों को मजबूत करने की परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ नियंत्रण के लिए 8.76 लाख रेत की बोरियों की खरीद की गई है, जिनमें से 3.24 लाख बोरियां भरकर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर रख दी गई हैं। आपात स्थिति के दौरान त्वरित तैनाती के लिए रेत की बोरियों के स्थानों की जीआईएस (GIS) मैपिंग भी की गई है।
आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल के तहत संवेदनशील स्थानों पर चौबीसों घंटे निगरानी, अधिकारियों द्वारा निरंतर निगरानी और मुख्यालय को दैनिक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करना शामिल है। उपायुक्तों और संबंधित विभाग के अधिकारियों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
अंत में, मंत्री ने नदी तटों और बाढ़-संभावित क्षेत्रों के पास रहने वाले निवासियों से भारी बारिश के दौरान सतर्क रहने, आपातकालीन सहायता के लिए तुरंत कंट्रोल रूम से संपर्क करने और अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निकासी आदेशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पंजाब का बाढ़ तैयारी ढांचा किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने और जान-माल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है।