पौड़ी/देहरादून।
देवभूमि उत्तराखंड पर मानसूनी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तरकाशी में हुई भीषण तबाही के बाद अब पौड़ी गढ़वाल जिले में भी बारिश आफत बनकर बरसी है, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। जिले में दो अलग-अलग दर्दनाक घटनाओं में, भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाएं मलबे में दब गईं, जबकि एक अन्य स्थान पर पांच नेपाली मजदूर पानी के तेज बहाव में बह गए। इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में शोक और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
बुरासी गांव में भूस्खलन, एक महिला का शव बरामद
पहली घटना पौड़ी के बुरासी गांव की है। यहां बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बुधवार को पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा दरक गया और भारी मात्रा में मलबा नीचे आ गया। इस विनाशकारी भूस्खलन की चपेट में दो स्थानीय महिलाएं आ गईं और मलबे के ढेर में लापता हो गईं। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और बचाव दल तत्काल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद, बचाव दल ने एक महिला का शव मलबे से बरामद कर लिया है, जबकि दूसरी लापता महिला की तलाश अभी भी सरगर्मी से जारी है। इस दुखद घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग दहशत में हैं। प्रशासन ने आसपास के घरों को भी खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि किसी और अनहोनी से बचा जा सके।
थलीसैंण में बहे पांच नेपाली मजदूर
पौड़ी जिले से ही एक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा गांव में काम कर रहे पांच नेपाली मूल के मजदूर पानी के तेज बहाव में बह गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ये मजदूर संभवतः किसी नदी या नाले के किनारे अस्थायी शिविर में रह रहे थे। भारी बारिश के कारण नदी में अचानक आए उफान ने इन मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं दिया और वे तेज बहाव की चपेट में आ गए।
सूचना के बाद प्रशासन ने यहां भी लापता श्रमिकों की तलाश के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय पुलिस की मदद से एक बड़ा रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि, नदी का जलस्तर बढ़ा होने और तेज बहाव के कारण बचाव कार्यों में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ये घटनाएं दर्शाती हैं कि उत्तराखंड इस समय किस तरह प्राकृतिक आपदा की दोहरी मार झेल रहा है। प्रशासन के लिए एक साथ कई मोर्चों पर राहत और बचाव कार्य चलाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। दोनों ही घटनाओं में बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन लगातार खराब मौसम और दुर्गम रास्ते इन प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं। पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सतर्क रहने तथा सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।
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